Mahaamahim ke khilaaph galat tippanee sahee nahin

भारतीय परम्पराओं में मर्यादाओं का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसका उल्लेख हमारे संविधान निर्माताओं ने अनेक बार अलग.अलग स्थानों पर किया है। इसी बात का उल्लेख महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के समारोह में किया। महामहिम राष्ट्रपति ने न्यायाधीशों को न्यायिक सक्रियता के जोखिमों के प्रति सचेत करते हुए कहा था कि “अधिकारों का उपयोग करते हुए हर समय सामंजस्य स्थापित करना चाहिए और ऐसी स्थिति सामने आने पर आत्मसंयम का परिचय देना चाहिए”। संविधान को सर्वोच्च बताते हुए उनका कहना था कि “लोकतंत्र के हर अंग को अपने दायरे में रहकर काम करना चाहिए…