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राष्ट्रीय युवा दिवस 2025: स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा से युवा सशक्तिकरण

राष्ट्रीय युवा दिवस, जो हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है, यह दिन युवाओं के सशक्तिकरण और उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन से प्रेरणा लेकर, हम अपने युवा समाज को प्रोत्साहित कर सकते हैं। इस लेख में हम राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 के महत्व और युवा सशक्तिकरण पर चर्चा करेंगे।

स्वामी विवेकानंद का युवा दृष्टिकोण

विवेकानंद जी ने हमेशा युवाओं को आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और कर्मठता का पालन करने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना था कि युवा समाज का सबसे शक्तिशाली बल होते हैं और उनके पास अनंत संभावनाएं होती हैं। उनका प्रसिद्ध उद्धरण था, उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” यह संदेश आज के युवा वर्ग के लिए न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और उस पर केंद्रित रहने की प्रेरणा भी देता है।

युवा सशक्तिकरण का महत्व

आज के समय में, युवा सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 पर, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि सशक्त युवा न केवल अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है, बल्कि वह समाज और राष्ट्र के विकास में भी योगदान देता है। आज के युवाओं को कई अवसर मिल रहे हैं, लेकिन साथ ही उन्हें चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।

स्वामी विवेकानंद का संदेश यह था कि युवा अगर अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचान लें, तो वे न केवल अपनी व्यक्तिगत सफलता प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इस दृष्टिकोण से, युवा सशक्तिकरण केवल व्यक्तिगत विकास का नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के समग्र विकास का भी मार्ग प्रशस्त करता है।

भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का संतुलन

स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति के महत्व को स्वीकारते हुए कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं को यह बताया कि आधुनिकता के साथ-साथ अपनी भारतीय संस्कृति की नींव को मजबूत करना आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति में वह ताकत है, जो दुनिया को प्रभावित कर सकती है।”

राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 के अवसर पर हम अपने युवाओं को यह सिखाएं कि वे अपनी भारतीय पहचान और संस्कृति को न भूलें, बल्कि आधुनिकता के साथ उसका समन्वय करें। यदि युवा अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहेंगे, तो वे जीवन में संतुलन और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

स्वामी विवेकानंद के विचारों का अनुसरण

विवेकानंद जी का जीवन और विचार आज भी प्रासंगिक हैं। शिक्षाओं के अनुसार, जीवन में सफलता पाने के लिए केवल बाहरी साधनों की नहीं, बल्कि आंतरिक शक्तियों और आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है। विचारों का अनुसरण करके हम न केवल अपने जीवन को सुधार सकते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। यह दृष्टिकोण आज के युवाओं के लिए मार्गदर्शक है। अगर युवा अपने जीवन में आदर्शों का पालन करेंगे, तो वे न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि समाज में भी अपने योगदान से महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकेंगे। राष्ट्रीय युवा दिवस 2025 पर, हम सभी को जीवन और विचारों से प्रेरित होकर अपने जीवन को बेहतर बनाने और समाज के लिए योगदान देने का संकल्प लेना चाहिए।

कैलाश विजयवर्गीय जी ने भी हमेशा स्वामी विवेकानंद के विचारों का समर्थन किया और उन्हें युवाओं के लिए एक आदर्श बताया है। उनका मानना है कि अगर आज के युवा अपने जीवन में उनके सिद्धांतों को आत्मसात करें, तो वे न केवल व्यक्तिगत रूप से सफल हो सकते हैं, बल्कि राष्ट्र के समग्र विकास में भी योगदान कर सकते हैं। विवेकानंद जी के विचार और संदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे। उनके आदर्शों पर चलने के लिए हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरित करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि एक सशक्त और जागरूक युवा ही समाज की असली ताकत है। यही उनका सपना था।

युवाओं के लिए अंतिम संदेश

आइए, इस राष्ट्रीय युवा दिवस पर हम संकल्प लें कि हम उनके विचारों से प्रेरित होकर न केवल अपने जीवन में सफलता प्राप्त करेंगे, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रयास करेंगे। विवेकानंद जी के आदर्शों का अनुसरण करते हुए, अपने परिवार और समाज का मान बनाए रखें। अपने आचरण से माँ, भारत माता, और अपने देश को शर्मसार न करें। यही सच्चा विकास और प्रगति का मार्ग है।

स्वामी विवेकानंद-सनातन संस्कृति और भारतीय दर्शन के शलाका पुरुष

स्वामी विवेकानंद: भारतीय संस्कृति के वैश्विक संदेशवाहक

स्वामी विवेकानंद एक महान संन्यासी, समाज सुधारक, और भारतीय संस्कृति के अमर संदेशवाहक थे। उन्होंने न केवल युवाओं को प्रेरित किया, बल्कि फिरंगी शासन के दौरान भारत की छवि को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित किया। उनके विचारों की गहराई और व्यापकता ने दुनिया भर के विद्वानों, दार्शनिकों, संतों, और विभिन्न धर्मों और समाजों से जुड़े लोगों को प्रभावित किया। अपने विचारों के माध्यम से एक आदर्श विश्व व्यवस्था की परिकल्पना प्रस्तुत की, जो आज भी प्रासंगिक है। उनकी वक्तृत्व कला इतनी प्रभावशाली थी कि उनके ओजस्वी भाषणों ने दुनिया भर में श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

शिकागो धर्म महासभा और “विश्व बंधुत्व” का संदेश

1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद ने सनातन संस्कृति और भारतीय दर्शन का परिचय देकर विश्व को चकित कर दिया। उनके छोटे लेकिन प्रभावशाली भाषण ने सभागार में मौजूद लोगों के हृदय को गहराई से छुआ और भारत के आध्यात्मिक गौरव को वैश्विक पटल पर स्थापित किया। उनकी विचारधारा में “विश्व बंधुत्व” का मंत्र स्पष्ट रूप से झलकता था, वे समस्त मानवता को एक परिवार के रूप में देखते थे । उनके विचार आज भी युवाओं और समाज को एक शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं

स्वामी विवेकानंद का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अपने तथ्यात्मक और ओजस्वी विचारों से सनातन संस्कृति की ख्याति को विश्व स्तर पर फैलाने वाले महान संत और विचारक स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में एक समृद्ध बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, जिन्हें परिवार और मित्रों के बीच नरेन के नाम से भी जाना जाता था। विवेकानंद जी की प्रारंभिक शिक्षा एक पश्चिमी शैली के विश्वविद्यालय में हुई, जहाँ उन्होंने पश्चिमी दर्शन, ईसाई धर्म और विज्ञान का अध्ययन किया। हालांकि, इन विचारों के संपर्क में आने के बावजूद उनकी गहरी आस्था सनातन संस्कृति में बनी रही। उन्होंने हिंदू धर्म का गहन अध्ययन किया और उसमें व्याप्त कुरीतियों और बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने समाज सुधार और इन बुराइयों के उन्मूलन का दृढ़ संकल्प लिया।

परिवार का प्रभाव और संन्यास की ओर अग्रसरता

स्वामी विवेकानंद के जीवन पर उनके माता-पिता का गहरा प्रभाव पड़ा। उनकी माता भुवनेश्वरी देवी ने उन्हें आध्यात्मिकता और धार्मिकता की प्रेरणा दी, जबकि उनके पिता विश्वनाथ दत्त, जो कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक प्रख्यात वकील थे, उन्होंने विवेकानंद जी को आधुनिक दृष्टिकोण और तर्कशीलता का पाठ पढ़ाया। उनके दादा दुर्गाचरण दत्त, जो संस्कृत और फारसी के विद्वान थे, उन्होंने 25 वर्ष की आयु में ही संन्यास ले लिया था। 1884 में पिता के असामयिक निधन के बाद, परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इन संघर्षों के बीच भी उन्होंने अपने विचारों और आध्यात्मिक पथ को नहीं छोड़ा। उनका  अध्यात्म की ओर झुकाव किशोरावस्था से ही स्पष्ट था, और युवा अवस्था में उन्होंने संन्यास धारण कर लिया। उनके विचार, दर्शन, और जीवन दृष्टि ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को एक नई दिशा प्रदान की।

स्वामी विवेकानंद का बहुआयामी व्यक्तित्व और शिक्षा

विवेकानंद जी को संगीत, साहित्य और दर्शन में गहरी रुचि थी। उनके शौक में तैराकी, कुश्ती और घुड़सवारी जैसे खेल शामिल थे, जो उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को उजागर करते हैं। मात्र 25 वर्ष की आयु तक उन्होंने प्रमुख धर्म ग्रंथों के साथ-साथ अर्थशास्त्र, दर्शन और राजनीति का भी गहन अध्ययन कर लिया था। हालांकि, इस व्यापक अध्ययन और विभिन्न विचारधाराओं तथा धर्मों के संपर्क ने उनके मन में कई संदेह और उलझनें भी उत्पन्न कर दीं।

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिवर्तन और रामकृष्ण परमहंस से मार्गदर्शन

स्वामी विवेकानंद अपने तार्किक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध थे। ज्ञान और शांति की तलाश में नरेंद्रनाथ दत्त ने कई साधु-संतों और धार्मिक संस्थाओं की शरण ली, लेकिन उनकी आध्यात्मिक यात्रा तब पूरी हुई जब वे स्वामी रामकृष्ण परमहंस से मिले। उन्होंने विवेकानंद जी को समझाया, ‘बुद्धि के बल पर खुद को बुद्धिमान समझते रहोगे, समर्पण का मार्ग अपनाओ, तभी सत्य का साक्षात्कार होगा।’ इन शब्दों का विवेकानंद पर गहरा असर पड़ा, और उन्होंने खुद को गुरु के चरणों में समर्पित कर दिया। 1881 में उन्होंने रामकृष्ण परमहंस से दीक्षा ली, और यहीं से उनके जीवन ने नया मोड़ लिया। यही वह क्षण था जब नरेंद्रनाथ दत्त स्वामी विवेकानंद बन गए।

शिकागो धर्म महासभा और पश्चिमी जगत में भारतीय संस्कृति का प्रचार

1886 में स्वामी रामकृष्ण परमहंस के देहावसान के बाद, स्वामी विवेकानंद भारत भ्रमण पर निकल पड़े। उन्होंने पैदल पूरे भारत का भ्रमण किया और समाज की वास्तविकता, गरीबी, और असमानता को करीब से देखा। इन अनुभवों ने उनके विचारों को गहरा और उद्देश्यपूर्ण बना दिया। 1893 में उन्होंने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि, कुछ विरोधी तत्वों ने मंच पर उनके बोलने में बाधा डालने की कोशिश की, लेकिन एक अमेरिकी प्रोफेसर के प्रयास से उन्हें सभा को संबोधित करने का अवसर मिला। विवेकानंद जी ने अपने ऐतिहासिक भाषण की शुरुआत “भाइयों और बहनों” के संबोधन से की, जिसने सभागार में उपस्थित लोगों के हृदयों को छू लिया। इस भाषण ने न केवल सनातन संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाई, बल्कि उन्हें विश्व मंच पर अमर बना दिया।

शिकागो सम्मेलन के बाद विवेकानंद जी तीन वर्षों तक अमेरिका में रहे, जहां उन्होंने भारतीय धर्म, दर्शन और योग-वेदांत का प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने रामकृष्ण मिशन की कई शाखाओं की स्थापना की, जिससे भारतीय अध्यात्म और सनातन संस्कृति पश्चिमी जगत में पहुंची। 1899 में उन्होंने फिर से पश्चिम की यात्रा की और वहां के लोगों को भारतीय संस्कृति और पौराणिक अध्यात्म का ज्ञान प्रदान किया।योग-वेदांत को पश्चिमी देशों में परिचित कराने का श्रेय स्वामी विवेकानंद को ही जाता है। उन्होंने भारतीय आध्यात्मिकता और पश्चिमी भौतिक प्रगति को एक-दूसरे के पूरक मानते हुए दोनों के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास किया।

4 जुलाई 1902 को, मात्र 39 वर्ष की आयु में, विवेकानंद जी ध्यान करते हुए चिर निद्रा में लीन हो गए। उनके शिष्यों के अनुसार, उन्होंने महासमाधि ली थी। आज, एक सदी से भी अधिक समय बाद, उनके विचार युवा पीढ़ी को प्रेरित करते हैं और भारतीय दर्शन की उनकी प्रज्वलित की गई ज्योति से भारत का आध्यात्मिक जगत आलोकित है।

 

अटलजी का सपना, विकसित बने भारत अपना

कैलाश विजयवर्गीय

हमारे अटल बिहारी वाजपेयी जी आज हम सबके बीच होते तो हम उनका सौंवा जन्मदिवस मना रहे होते। 2014 से हम उनके जन्मदिवस को सुशासन  दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। राजनीति के अजातशत्रु, ओजस्वी वक्ता, भावुक कवि, संसदीय परम्परा के शिखर नेता, भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल विहारी वाजपेयी को सम्पूर्ण राष्ट्र उनकी सौंवीं जयंती पर नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। 2018 की 16 अगस्त से वाजपेयी जी हमारे मध्य नहीं हैं, पर हवा में लहराते उनके हाथ, हृदय को झकझोरने वाली उनकी वाणी, करोड़ों लोगों को देश-धर्म के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करने वाले उनके गीत, गरीबों, किसानों, युवाओं, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके संकल्प आज भी हमारे कानों में गूंजते रहते हैं। उनके प्रेरक उद्बोधन, पराजय को विजय  में बदलने के उनके मंत्र हमारी प्रेरणा और साहस को हमेशा बढ़ाते रहते हैं। हमें लगता है आज भी अटलजी हमारे मध्य हैं। उनका यह गीत

बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।

हमें सदैव अपने कर्तव्य पथ पर अटल रहकर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है।। एक महान नेता का सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। बचपन में अंग्रेजी हूकुमत को उखाड़ फेंकने के लिए बाल्यकाल में जेल जाने वाले अटल विहारी वाजपेयी ने राजनीति में प्रवेश करने के साथ ही देश को दुनिया को तीसरी बड़ी ताकत बनाने का संकल्प लिया। आज भारत विश्व गुरू बनने की राह पर अग्रसर है। उन्होंने  नारा दिया, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान। हमारे लोकप्रिय प्रधान सेवक श्री नरेंद्र मोदी ने उनके सपनों का भारत गढ़ने के लिए जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान का नारा देकर भारत की विश्व में नई छवि प्रस्तुत की है। याद कीजिये, लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के तौर पर उनका अंतिम आह्वान। 15 अगस्त 2003 को उन्होंने  प्रधानमंत्री के तौर पर लालकिले की प्राचीर से आह्वान किया था कि 2020 तक भारत को विकसित देश बनाना है। अटलजी ने कहा था कि प्यारे देशवासियों, आज देश ऐसे मोड़ पर हैं, जहां से देश एक लंबी छलांग लगा सकता है। 2020 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के बड़े ध्येय को हासिल करने की तमन्ना सारे देश में बल पकड़ रही है। जरा पीछे मुड़कर देखिये, बड़े-बड़े संकटों का सामना करके भारत आगे बढ़ रहा है। अटलजी का संकल्प पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ पूरा देश साथ खड़ा है। उनका सपना था कि कश्मीर में शांति हो और शांतिपूर्ण चुनाव हों। कुछ समय पहले ही जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव हुए हैं, जो उनके आदर्शों की ओर एक कदम है।

अटलजी राजनीति में आने से पहले पत्रकार थे। कई समाचार-पत्रों के संपादक रहे। एक ऐसे संपादक रहे, जिनकी संपादकीय टिप्पणी पढ़ने के लिए लोग समाचार पत्र पढ़ते थे। कश्मीर में परमिट लेकर घुसने की व्यवस्था और अनुच्छेद 370 के विरोध में जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे के नारे के साथ अभियान प्रारम्भ किया था। यहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा शुरु हुई। 1951 में जनसंघ की स्थापना के समय उन्हें पद देने का अनुरोध किया था। उस समय उनकी इच्छा पत्रकार बने रहने की थी। पर देश की एकता-अखंडता के लिए उन्होंने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ सचिव के तौर पर कश्मीर जाने का रास्ता चुना। डॉ मुखर्जी ने पठानकोट में गिरफ्तारी के बाद अटलजी को देश के लिए यह संदेश देने के लिए वापस भेजा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बिना परमिट जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया है। 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के समाप्ति के साथ नया अध्याय शुरु हुआ।

देश को सशक्त बनाने के लिए  राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति में क्रांतिकारी परिवर्तन किए । बड़े साहस और धैर्य के साथ उन्होंने 1998 में परमाणु परीक्षण करवाया । उनके नेतृत्व में देश ने आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाया। विदेश नीति के कारण भारत को कई देशों का साथ मिला। भारतीय प्रवासियों को देश से जोड़ने का कार्य प्रारंभ किया गया। इस कार्य को मोदीजी ने बड़े स्तर पर आगे बढ़ाया। भारत आज मोदीजी के नेतृत्व में हर मोर्चे पर सक्षम है। यही अटलजी को सच्ची श्रद्धांजलि है।

अटल जी… एक युगप्रवर्तक नेता

श्री कैलाश विजयवर्गीय जी,

मंत्री, नगरीय विकास एवं आवास तथा संसदीय कार्य मंत्री, मध्यप्रदेश शासन

स्मृति शेष…

प्रस्तावना…
“हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा,
काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं,
गीत नया गाता हूं…”
श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की यह अद्वितीय पंक्तियां आज भी मेरे हृदय को जोश, उत्साह और ऊर्जा से भर देती हैं। ये हम सबके दिलों में उनके व्यक्तित्व की गहरी छाप छोड़ जाती हैं। वे अटल जी ही थे, जिन्होंने देश के हर नागरिक को साहस, विश्वास और आत्मनिर्भरता का मार्ग दिखाया। भारतीय राजनीति में उनका नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। उनके योगदान ने हमारे देश की राजनीति को आकार दिया। भारतीय समाज, संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में नई दिशा भी दी। आज 25 दिसंबर 2024 को हम उन्हें उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। यह अवसर उनके जीवन, उनके दृष्टिकोण और उनके कार्यों को स्मरण करने का है। उनके आदर्शों को जीवन में उतारने का है। इस पुण्य अवसर पर मेरा हृदय गर्व से भरा हुआ है, जो मुझे अनेकों बार अटल जी का सामीप्य, सान्निध्य और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। सदैव उनके आशीष की छांव मेरे सिर पर रही। उन्हीं से सुशासन का पाठ सीखा। वे अजातशत्रु, सर्व सम्मानीय, अथक परिश्रमी, परम देशभक्त, प्रबुद्ध कवि, दूरदृष्टा और पथ प्रदर्शक थे।

जब भी अटल जी की बात होती है, उनका व्यक्तित्व मेरी आंखों के सामने जीवंत हो उठता है। उनका हर शब्द आत्मविश्वास से ओत-प्रोत होता था। उनकी बातें हमेशा गहरी सोच और संवेदनशीलता से भरी होती थीं। जब वे बोलते थे तो उनके शब्द मेरे हृदय में गहरे उतरते जाते। उनका दृष्टिकोण सदैव व्यापक रहा, हर वर्ग को समाहित करता हुआ। वे सिखाते थे कि हम समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलें। आज, जब मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा हूं तो ऐसा प्रतीत हो रहा है, जैसे वे मेरे सामने खड़े हों, मुझे जीवन की राह दिखा रहे हों। उनका आशीर्वाद मेरे साथ हमेशा रहा है।

अटल जी… एक युगप्रवर्तक नेता,कैलाश विजयवर्गीय
अटल जी… एक युगप्रवर्तक नेता,कैलाश विजयवर्गीय

अटल जी का देश के प्रति समर्पण

अटल जी का देश के प्रति समर्पण अद्वितीय रहा। उनके नेतृत्व में भारत ने कई ऐतिहासिक बदलाव देखे, जो आज भी हमें प्रेरित करते हैं। उनका मानना था कि राजनीति जनसेवा का एक साधन है। उनका आदर्श जीवन हमें यही सिखाता है कि जब देश की सेवा और नागरिकों की भलाई ही प्राथमिक उद्देश्य हो तो हर निर्णय सही दिशा में होता है। प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने कई साहसिक कदम उठाए, जिनमें से पोखरण परमाणु परीक्षण ऐतिहासिक साबित हुआ। यह कदम दुनिया के लिए संदेश था कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए स्वतंत्र है और हमें किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।

 नदी जोड़ो परियोजना जलवायु संकट का समाधान

अटल जी का दृष्टिकोण केवल राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने पर्यावरण और कृषि के मामलों में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनकी नदी जोड़ो परियोजना महत्वाकांक्षी पहल थी, जिसका उद्देश्य देश के जल संकट को कम करना था। आज हम यह देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस परियोजना को साकार करते हुए केन-बेतवा लिंक परियोजना की सौगात दी है। मध्यप्रदेश के लिए यह एक महान गौरव का क्षण है, क्योंकि इस सपने से हजारों गांव हरे-भरे होंगे। लाखों लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। यह उन सपनों को धरातल पर उतारने का महान कदम है। इस अभूतपूर्व सौगात के लिए मैं प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन करता हूं ।

देश सेवा के प्रति दृढ़ नायकत्व

अटल जी का जीवन सच्ची देश सेवा का प्रतीक रहा। उन्होंने राजनीति में रहते हुए हमेशा अपने सिद्धांतों और विचारधाराओं को प्राथमिकता दी। उनका मानना था कि जब तक देश के प्रत्येक नागरिक की भलाई नहीं होगी, तब तक राष्ट्र निर्माण अधूरा है। उन्होंने समाज के हाशिए पर खड़े लोगों के लिए आवाज उठाई और समग्र विकास के लिए नीतियां बनाईं। उनके नेतृत्व में भारत ने सड़क निर्माण, शहरीकरण और डिजिटल इंडिया जैसी पहल शुरू की, जिनका आज हम सब व्यापक सकारात्मक असर देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बनी वरदान

अटल जी का दृढ़ विश्वास था कि यदि गांवों को शहरों से जोड़ दिया जाए तो ग्रामीण जीवन में नई संभावनाओं का संचार होगा। विकास की राह में नए द्वार खुलेंगे। इस विचार को साकार करने हेतु उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की नींव रखी। उनके इस दूरदर्शी कदम का पूरे देश पर सकारात्मक असर हुआ। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण भारत में अभूतपूर्व परिवर्तन आए। सड़कों के निर्माण ने गांवों तक विकास की किरणें पहुंचाईं। व्यापार, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने की आसान राह ने ग्रामीणों के जीवन में नवचेतना का संचार किया। अटल जी की यह पहल आज भी ग्रामीण जीवन में सुधार का प्रतीक बनी हुई है।

सादगी की प्रतिमूर्ति थे अटल जी

अटल जी का जीवन ईमानदारी और सादगी में बेमिसाल रहा। उनका सिद्धांत था कि जनप्रतिनिधियों को सदैव जनता के बीच रहना चाहिए और उनके लिए काम करना चाहिए। इस सिद्धांत को उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन में भी साकार किया। वे आजीवन किसी भी प्रकार की भव्यता से दूर रहे। मैंने उनके साथ रहकर देखा कि वे स्वयं को जनता से अलग नहीं मानते थे। जब भी वे कहीं सभा अथवा कार्यक्रम में जाते तो पार्टी कार्यकर्ता उन्हें चंदा देने आते, पर अटल जी उस चंदे को अपनी व्यक्तिगत संपत्ति बनाने के बजाय पार्टी कार्यालय में जमा कर देते थे। यह कदम उनकी सादगी का मिसाल था।

राजनीति के पुरोधा को शत-शत नमन

अटल जी भारतीय संस्कृति और धरोहर के प्रति अत्यधिक सम्मान रखते थे। उनका यह दृढ़ विश्वास था कि भारत तभी शक्तिशाली बन सकता है जब वह अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा रहेगा। उनके विदेश दौरों में यह स्पष्ट रूप से देखा गया, जहां उन्होंने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को गर्व से प्रस्तुत किया। वे युग प्रवर्तक नेता थे, जिन्होंने अपनी जिंदगी देश की सेवा में समर्पित कर दी। अटल जी का समावेशी, साधारण और ईमानदार व्यक्तित्व हम सबके लिए आदर्श है। उनका नेतृत्व सदैव यही सिखाता रहेगा कि सेवा का असली अर्थ जनता के साथ रहकर, उनके लिए समर्पित होकर काम करना है। उनकी 100वीं जयंती पर उन्हें सादर नमन.।
अटल जी, आप बहुत याद आते हैं… आपकी छांव और मार्गदर्शन हमेशा हमारे साथ रहेगा !

 

नागपुर विधानसभा चुनाव: श्री कैलाश विजयवर्गीय जी के नेतृत्व में भाजपा की रणनीति और संगठनात्मक तैयारी

नगरीय विकास एवं आवास और संसदीय कार्य मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय जी को भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 12 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी थी। विजयवर्गीय जी ने अगस्त में नागपुर का पहला दौरा किया था और इस दौरान रामटेक और लोकसभा क्षेत्र की संगठनात्मक बैठक में भाग लिया।

अगस्त 2024 में जनसंपर्क गतिविधियाँ और संगठनात्मक बैठक

27 अगस्त:  श्रद्धांजलि और संघीय भावना की अभिव्यक्ति

नागपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक परम पूज्य डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक परम पूज्य श्री माधव सदाशिव गोलवलकर गुरुजी के स्मृति चिह्न पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। भारत रत्न, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के दिव्य स्थल दीक्षा भूमि के दर्शन किए।

28 अगस्त: दक्षिणपश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कोर कमेटी बैठक और अन्य प्रमुख गतिविधियाँ

  • कैलाश विजयवर्गीय जी ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री व विधायक श्री देवेंद्र फडणवीस जी की उपस्थिति में दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की कोर कमेटी की बैठक में सहभागिता की। नागपुर प्रवास के दौरान 51 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण के महोत्सव में देवाधिदेव भगवान महादेव जी की आराधना की। भारतीय जनता पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता बंधुओं से संवाद किया।
  • दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की कोर कमेटी के सदस्यों के साथ आगामी विधानसभा चुनावों एवं कार्यक्रमों को लेकर संवाद किया। पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं लोकमत अख़बार के चेयरमैन श्री विजय दर्डाजी से स्नेहिल भेंट की। नागपुर प्रवास के दौरान विधायक श्री मोहन मते जी द्वारा आयोजित ‘आरोग्य रोग निदान एवं उपचार महाशिविर’ का शुभारंभ कर इलाज कराने पहुंचे परिवार जनों से भेंट की।

29 अगस्त: विधानसभा चुनाव और सांस्कृतिक कार्यक्रम

विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से संवाद किया और विभिन्न कोर कमेटी बैठकों में अपने विचार साझा किए। भाजपा महिला मोर्चा की ‘मंगला गौर स्पर्धा’ में भाग लेकर महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपरा का अनुभव किया। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में  ‘दही हांडी उत्सव’ में भाग लिया। नागपुर में केंद्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री, भाजपा  के वरिष्ठ नेता श्री नितिन गडकरी जी से भेंट की।

30 अगस्त: सौजन्य भेंट और संवाद

भाजपा परिवार के सदस्य श्री जय प्रकाश गुप्ता जी के निवास पर उनके संयुक्त परिवार से सौजन्य भेंट की।

31 अगस्त: बैठकें और संगठनात्मक संवाद

नागपुर में भाजपा विदर्भ क्षेत्र के प्रवासी एवं प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक में प्रतिभाग किया। इसके साथ ही, नागपुर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के 12 विधानसभाओं के प्रभारीगण और पदाधिकारियों के साथ बैठक करके संवाद किया।

सितंबर 2024 में जनसंपर्क, धार्मिक और संगठनात्मक गतिविधियाँ

4 सितंबर: दैनिक भास्कर से संवाद और पांढुर्णा क्षेत्र में बैठक

दैनिक भास्कर के डायरेक्टर श्री सुमित अग्रवाल जी एवं संपादक श्री मणिकान्त सोनी जी से भेंट की। इस अवसर पर दोनों विभूतियों से विभिन्न समसामयिक एवं राजनीतिक विषयों पर चर्चा की । पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र से आए भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ता बंधुओं से भेंट कर संवाद किया।

5 सितंबर: रामटेक में धार्मिक और पार्टी संबंधित गतिविधियाँ

  • रामटेक में प्रभु श्रीराम और मां सीता के दिव्य स्वरूप के दर्शन किए और जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं की बैठक में भाग लेकर उन्हें संबोधित किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी के जन्मस्थान के दर्शन किए। छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी, और डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • कामठी विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और भाजपा सदस्यों से संवाद किया।
  • दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के सामाजिक संगठनों में कार्यरत युवाओं और नागपुर प्रेस क्लब के पत्रकारों से समसामयिक विषयों और आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की।

6 सितंबर: काटोल और हींगणा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से संवाद

काटोल नरखेड़ विधानसभा क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न विषयों पर संवाद किया। हींगणा विधानसभा क्षेत्र भाजपा परिवार के सदस्यों के साथ संवाद किया।

14 सितंबर: सावनेर और उमरेड में संगठनात्मक गतिविधियाँ

सावनेर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा परिवार के सदस्यों के साथ संवाद किया। उमरेड विधानसभा क्षेत्र के समस्त जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ता बंधुओं के साथ बैठक कर संगठनात्मक गतिविधियों पर चर्चा की।

16 सितंबर: मुंबई में ‘लालबागचा राजा’ के दर्शन

मुंबई में विश्व प्रसिद्ध ‘लालबागचा राजा’ के दिव्य दर्शन कर सर्वमंगल की कामना की।

23 सितंबर: नागपुर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से संवाद

  • नागपुर प्रवास के दौरान भाजपा के वरिष्ठ साथियों, विभिन्न मोर्चों के पदाधिकारियों, प्रवासी कार्यकर्ताओं, और प्रबुद्ध जनों से भेंट कर पार्टी के आगामी प्रकल्पों और चुनावी रणनीति पर चर्चा की।
  • महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी के कार्यालय में भाजपा सदस्यों और नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा के स्वजनों से मिलकर आगामी विधानसभा चुनावों की रूपरेखा तय की।

26 सितंबर: स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में सहभागिता

नागपुर में दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में माननीय उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी के नेतृत्व में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में सहभागिता कर परिवार जनों से कुशलक्षेम जानी।

27 सितंबर: एकल विद्यालय और प्रशिक्षण वर्ग में सहभागिता

नागपुर में विदर्भ के एकल विद्यालय के युवा कार्यकर्ताओं और महानगर की कोर कमेटी के साथ संवाद किया। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिवप्रकाश जी की उपस्थिति में अनुसूचित जमाती मोर्चा, विदर्भ के विस्तारक प्रशिक्षण वर्ग में भाग लेकर अपने विचार साझा किए।

28 सितंबर: सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता

  • बौद्ध समाज के प्रतिनिधियों और महानगर पालिका के पूर्व नगर सेवकों के साथ बैठक कर विचार साझा किए। भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के सम्मेलन में भाग लेकर संबोधित किया।
  • दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में श्री शंकराचार्य कुटुम्बकम द्वारा आयोजित श्रीराम कथा महोत्सव में शामिल होकर व्यासपीठ की पूजा अर्चना की और स्वामी श्री प्रज्ञानानंद सरस्वती जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। ‘महाराजा ऑफ नागपुर ट्रस्ट’ द्वारा आयोजित ‘सकऱ्या (हडपक्या) गणेश उत्सव 2024’ में सहभागिता कर उपस्थित स्वजनों से भेंट की।

अक्टूबर 2024 में प्रमुख गतिविधियाँ और राजनीतिक भागीदारी

2 अक्टूबर : नागपुर में शक्ति केंद्र बैठक

नागपुर में केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री नितिन गडकरी जी की उपस्तिथि में आयोजित शक्ति केंद्र की बैठक में प्रतिभाग कर संबोधित किया।

5 अक्टूबर: दक्षिणपश्चिम विधानसभा में महाजनसंपर्क अभियान

दक्षिण पश्चिम विधानसभा में महाजनसंपर्क अभियान के तहत बूथ क्रमांक 78, 79 एवं 363 पर घर-घर पहुंचकर परिवारजनों से भेंट की।

6 अक्टूबर :संपर्क और नवरात्रि उत्सव की शुभकामनाएँ

  • नागपुर में बूथ क्रमांक 163, 83 और नागपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में महाजनसंपर्क अभियान के तहत स्वजनों से भेंट की। विभिन्न झांकी पंडालों में पहुंचकर मां आदि शक्ति की आराधना करते हुए स्वजनों को नवरात्रि महापर्व की शुभकामनाएं प्रेषित की।
  • केंद्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री नितिन गडकरी जी की गरिमामय उपस्थिति में अंबाजारी गार्डन, नागपुर में लाइट, साउंड एवं मल्टीमीडिया शो का उद्घाटन किया।

7 अक्टूबर : भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद और त्यौहारों की बधाई

  • कामठी विधानसभा क्षेत्र के गुमठेड़ा सर्किल के सरपंच गणों एवं भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता बंधुओं के साथ चाय पर चर्चा की। वडोदा के भाजपा के वरिष्ठ साथियों के साथ संवाद किया। मौदा में शक्ति केंद्र प्रभारियों तथा वरिष्ठ कार्यकर्ता बंधुओं के साथ बैठक कर चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की।
  • वडोदा के वरिष्ठ भाजपा साथियों और हुड़केश्वर के शक्ति केंद्र प्रभारियों से संवाद किया। सिंधी समाज के स्वजनों से भेंट की और कोराडी में मां जगदम्बा की पूजा-अर्चना का सौभाग्य प्राप्त किया। सिंधी समाज के स्वजनों से भेंट की और कोराडी में मां जगदम्बा की पूजा-अर्चना का सौभाग्य प्राप्त किया।

8 अक्टूबर : सामाजिक संगठनों और सोशल मीडिया टीम से संवाद

  • विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। भाजपा सोशल मीडिया टीम के सदस्यों एवं इन्फ्लुएंसर्स के साथ बैठक की। कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार बंधुओं से भेंट की। भाजपा झोपड़ पट्टी मोर्चा के सदस्यों के साथ संवाद किया।
  • रेणुका देवी मंदिर में मां के दर्शन पूजन कर सर्व मंगल की कामना की। विभिन्न झांकी पंडालों में पहुंचकर मां आदि शक्ति की आराधना कर परिवार जनों को नवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित की।

16 अक्टूबर : पत्रकारों, भाजयुमो और युवा कार्यकर्ताओं से संवाद

नागपुर प्रवास के दौरान पत्रकार भवन में पत्रकार साथियों से मुलाकात हुई। भाजयुमो के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में आयोजित बैठक में भारतीय जनता पार्टी परिवार के सदस्यों को संबोधित किया।

18 अक्टूबर : सावनेर में भाजपा और धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता

सावनेर में भगवान विट्ठल जी के दर्शन के बाद भाजपा कोर कमेटी की बैठक में विचार साझा किए। विधानसभा क्षेत्र में कलमेश्वर मंडल के बूथ स्तर और शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं से संवाद किया। सावनेर तालुका में भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं और शक्ति केंद्र प्रमुखों की बैठक में संबोधित किया, साथ ही भाजपा द्वारा आयोजित उत्तर भारतीय सम्मेलन में भी भाग लिया।

19 अक्टूबर : महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता

‘वुमन टू वुमन ग्रुप’ द्वारा आयोजित महिला सम्मेलन में प्रतिभाग कर संबोधित किया। नवमतदाता युवा सम्मेलन में सहभागिता कर संबोधित किया। महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती के उपलक्ष्य में चिटनिस पार्क में वाल्मीकि, सुदर्शन तथा मखियार समाज द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम में सहभागिता कर स्वजनों को शुभकामनाएं प्रेषित की।

23 अक्टूबर : मुंबई में राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव जी एवं राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिवप्रकाश जी की उपस्थिति में मुम्बई में आयोजित विभिन्न बैठकों में सहभागिता कर अपने विचार साझा किए।

25 अक्टूबर: हिंगणा और वाड़ी में भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद

  • हिंगणा विधानसभा क्षेत्र के बूटीबोरी मंडल में आयोजित बैठक में प्रतिभाग कर भाजपा परिवार के सदस्यों से संवाद किया। वाडी मंडल में भाजपा के प्रमुख कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों की बैठक में सम्मिलित होकर संबोधित किया।
  • महाराष्ट्र प्रवास के दौरान ब्रह्मकुमारी और महानुभाव पंथ धार्मिक संस्थाओं में जाने का अवसर प्राप्त हुआ।

26 अक्टूबर : भाजपा महिला मोर्चा और सामाजिक कार्यक्रम

दक्षिण विधानसभा में आयोजित बैठक में प्रतिभाग कर भाजपा परिवार के सदस्यों पार्षदगण एवं मुख्य पदाधिकारियों को संबोधित किया। भाजपा महिला मोर्चा की बैठक में ​सम्मिलित होकर बहनों से संवाद किया। ‘मनस्वी फाउंडेशन’ एवं ‘रिपब्लिक युवा मंच’ द्वारा बौद्ध समाज के परम पूजनीय भंते संघ एवं भिक्षुणी संघ के तीन माह के पावन वर्षावास समापन समारोह में सहभागिता कर स्वजनों से भेंट की।

27 अक्टूबर : विभिन्न समाजों और युवा मोर्चा से संवाद

  • पूर्व विधानसभा क्षेत्र में आयोजित माहेश्वरी समाज की बैठक में प्रतिभाग कर संबोधित किया। भवानी मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों से संवाद किया। भाजपा कोर कमेटी की बैठक में सम्मिलित होकर अपने विचार साझा किए।
  • भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ ‘चलो विजय की ओर’ अभियान का शुभारंभ किया। प्रबुद्ध वर्ग से संवाद किया। पाटीदार समाज के स्वजनों से संवाद किया। भाजयुमो सम्मेलन में सहभागिता कर युवा साथियों से भेंट की।

नवंबर 2024 में सक्रिय राजनीतिक भागीदारी और जनसंपर्क अभियान

5 नवंबर : सावनेर विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान

सावनेर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी श्री आशीषराव देशमुख जी के समर्थन में आयोजित बैठकों में भाग लिया और विभिन्न स्थानों जैसे कोच्चि, रिसाड़ा, ग्राम हिंगणा, खापा शहर, मोहपा नगर और धापेवाड़ा मंडल में भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद किया। उन्होंने होली चौक, चिचपुरा रोड, झंडा चौक और पहलेपार चौक पर आयोजित नुक्कड़ सभाओं में शामिल होकर जनता से मिलकर अपने विचार साझा किए।

6 नवंबर : नागपुर पश्चिम विधानसभा में जनसंपर्क और समाज से संवाद

कैलाश विजयवर्गीय जी ने पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में रामदास पेठ प्लॉट ओनर्स एंड रेजिडेंट्स एसोसिएशन तथा समाज के प्रबुद्ध जनों से भेंट की। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी श्री सुधाकर कोहडे जी के समर्थन में गड्डीगोदाम क्षेत्र में जनसंपर्क करते हुए स्वजनों से भेंट की। इसके अलावा, विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों एवं प्रबुद्ध वर्ग से भेंट की और उत्तर भारतीय लोगों के साथ संवाद किया।

7 नवंबर: नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी का समर्थन

दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के प्रभाग 36 में उप मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी के समर्थन में जनसंपर्क किया। इस संवाद यात्रा में परिवार जनों से आत्मीय संपर्क स्थापित कर उन्हें भाजपा की रीति-नीतियों से अवगत कराया। प्रभाग 37 में जोश और ऊर्जा से भरे भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया।

8  नवंबर : धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागिता

  • नागपुर स्थित माधव नेत्रालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूज्य श्री माधव सदाशिव गोलवलकर ‘गुरुजी’ को नमन करते हुए उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही स्वयं सेवकों से भेंट की।
  • दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में उप मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी के समर्थन में जनसंपर्क किया। एनजीओ मोर्चा की बैठक में सम्मिलित होकर अपने विचार साझा किए। ‘लाडक्या बहिना सम्मेलन’ में सम्मिलित होकर बहनों से संवाद किया। हिंदी भाषी एवं परमार समाज के सम्मेलन में सहभागिता की।

9 नवंबर : नागपुर में विभिन्न समाजों और वरिष्ठ जनों से संवाद

भाजपा प्रत्याशियों श्री प्रवीण दटके जी और श्री मिलिंद माने जी के समर्थन में आयोजित बैठकों में भाग लेकर विचार साझा किए। विभिन्न समाजों के वरिष्ठ जनों से मुलाकात की और मध्य विधानसभा क्षेत्र में ज्येष्ठ नागरिक दिवाली मिलन सम्मेलन में शामिल हुए।

11 नवंबर : भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद और दिवाली मिलन समारोह

  • नागपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी श्री सुधाकर कोहले जी के समर्थन में गोरवाड़ा और बोरेगांव में जनसंपर्क अभियान में स्वजनों से संवाद किया और कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा की |
  • परम पूज्य संत, ब्रह्मलीन  श्री नाना महाराज तारणेकर जी को नमन किया। गुरव समाज द्वारा आयोजित दिवाली मिलन समारोह में भाग लेकर स्वजनों से भेंट की। आर्मोरा टावर के परिवार जनों से मुलाकात की और प्रवासी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री बीएल संतोष जी की उपस्थिति में कोर कमेटी की बैठक में विचार साझा किए।

12 नवंबर : नागपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी श्री कृष्ण खोपड़े जी का समर्थन

पूर्व विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी श्री कृष्ण खोपड़े जी के समर्थन में संवाद किया और खंडवानी टाउन में लाड़क्या बहिनों से मुलाकात की। श्री बीएल संतोष जी की उपस्थिति में नागपुर ग्रामीण के कार्यकर्ताओं से विचार साझा किए। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में श्री देवेंद्र फड़नवीस जी के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया और व्यापारी बंधुओं के साथ विधानसभा चुनाव पर सार्थक चर्चा की।

13 नवंबर : मतदान महोत्सव और संविधान सम्मान समारोह

  • नागपुर में आयोजित मतदान महोत्सव एवं ध्यान योग चिंतन शिविर में पतंजलि योगपीठ के समर्पित कार्यकर्ताओं से भेंट कर अपने विचार साझा किए। मांग मातंग समाज के सम्मेलन में सहभागिता करने का अवसर प्राप्त हुआ। नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के प्रभाग क्रमांक 13 में आयोजित आत्मीय संवाद कार्यक्रम में सहभागिता कर परिवार जनों के साथ चर्चा की।
  • रीगल सेलिब्रेशन हॉल में आयोजित संविधान सम्मान समारोह में सहभागिता कर महिला गट समूह (स्वयं सहायता समूह) चलाने वाली बहनों एवं आशा कार्यकर्ताओं को संविधान की प्रति भेंटकर सम्मानित किया।

14 नवंबर : कामठी और रामटेक विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद

  • कामठी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर बावनकुले जी के समर्थन में बैठक की। आशा हॉस्पिटल नर्सिंग कॉलेज में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में सहभागिता की। रामटेक विधानसभा क्षेत्र से महायुति (शिवसेना) के प्रत्याशी श्री आशीष जायसवाल जी के समर्थन में भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता बंधुओं के साथ सार्थक संवाद किया।
  • डीपी जैन फाउंडेशन के ‘इंटरेक्शन विद कैलाश’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया और विभिन्न स्थानों पर आयोजित दिवाली मिलन समारोह में स्वजनों से भेंट की।

15 नवंबर : नागपुर और सावनेर विधानसभा क्षेत्र में समाज से संवाद

उत्तर नागपुर में ‘राजा भोज क्षत्रिय पंवार समाज संघ’ के कार्यक्रम में भाग लिया और ‘कार्तिक पूर्णिमा’ के अवसर पर ‘मंथन फॉर एकेडेमिया’ कार्यक्रम में सम्मिलित होकर स्वजनों को शुभकामनाएं दी। सावनेर में केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह जी की जनसभा के कार्यक्रम स्थल का जायजा लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

16 नवंबर : काटोल में गृह मंत्री जी की जनसभा की तैयारियाँ

काटोल में आयोजित होने वाली गृह मंत्री जी की जनसभा की तैयारियों के क्रम में कार्यक्रम स्थल का जायजा लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। नागपुर मध्य विधानसभा क्षेत्र में ‘अखिल भारतीय कुणबी समाज’ द्वारा आयोजित दिवाली मिलन समारोह में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ।

17 नवंबर : उत्तर नागपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान तैयारी

नागपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के सुरेंद्रगढ़ में उत्तर भारतीय परिवारों से भेंट कर विचार-विमर्श किया और बूथ अध्यक्षों एवं कार्यकर्ताओं के साथ मतदान तैयारियों पर चर्चा की। सामाजिक सम्मेलन और भाजपा कोर कमेटी की बैठक में भी भाग लिया। ‘केमिस्ट फार्मासिस्ट आघाड़ी’ और ‘प्रजापति समाज’ के दिवाली मिलन समारोह में हिस्सा लिया, और पूर्व राज्यसभा सांसद श्री अजय संचेती जी से भेंट की।

18 नवंबर : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी से संवाद

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी से विधानसभा चुनाव के संदर्भ में संवाद किया और संगठनात्मक तैयारियों पर चर्चा की। साथ ही, नागपुर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा चुनाव कार्यालयों में कार्यकर्ताओं से भेंट कर उन्हें चुनाव में पूरी शक्ति और समर्पण से जुटने का आह्वान किया।

दोस्ती का मंत्र और स्वयं से जुड़ाव

दोस्ती का मंत्र और स्वयं से जुड़ाव

कैलाश विजयवर्गीय जी, भारतीय राजनीति के एक प्रेरणादायक नेता, अपने स्पष्ट विचारों और सशक्त नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। उनकी सफलता का एक बड़ा कारण उनका “दोस्ती का मंत्र” है, जिसमें वे आत्म-जुड़ाव और रिश्तों को बेहतर बनाने पर बल देते हैं।

आपने सुना होगा किताबें सबसे अच्छी दोस्त होती हैं परन्तु क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि उन्हें सबसे अच्छा दोस्त क्यूँ कहा जाता है…? जब आप किताबें पढ़ते हैं तब आप स्वयं के साथ समय बिताते हैं और स्वयं के विकास पर ध्यान देते हैं! इस प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में जीवनशैली अत्यंत व्यस्त हो गयी है और इंसान खुद के स्वास्थ्य, सोच, व्यवहार और कर्मों पर विचार करने के लिए समय ही नहीं निकाल पाता है. ऐसे में किताबें ना सिर्फ उसे स्वयं के साथ बिताने के लिए समय देती हैं और सोच को विकसित करने के लिए मज़बूत आधार और तथ्य भी देती हैं बल्कि खुद से दोस्ती करने का समय भी देती हैं.

स्वयं से दोस्ती करना सर्वाधिक ज़रूरी है और जो इंसान खुद से दोस्ती कर अपने स्वास्थ्य, सोच, व्यवहार और कर्मों के प्रति समर्पित हो जाता है वही सफल हो सकता है एवं वही दूसरों के साथ भी दोस्ती निभा सकता है.

स्वास्थ्य से दोस्ती

विजयवर्गीय जी का मानना है कि स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मन की कुंजी है। वे अपने अनुयायियों को हमेशा यह सलाह देते हैं कि चाहे जीवन कितना भी व्यस्त क्यों न हो, स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। उनके विचारों में, “निरोगी काया ही सफलता का पहला कदम है।

सोच से दोस्ती

सोच को विकसित करने के लिए स्वयं के साथ समय व्यतीत करना अत्यंत आवश्यक है. दोस्ती का सबसे महत्वपूर्ण आधार होती है सोच, ज़रूरी नहीं है कि दो लोगों की सोच मिले तभी वो अच्छे दोस्त हों, लेकिन सोच का स्तर मिलना ज़रूरी होता है. स्वयं के साथ अनेक विषयों पर गहन चिंतन कर सोच को विकसित किया जा सकता है और किताबों को अवश्य पढ़ें उनसे सोच का विस्तार होता है.

व्यवहार से दोस्ती 

ऐसा कहा जाता है कि आपका व्यवहार ही आपके साथ जाता है. व्यवहार दोस्त बनाने में ही नहीं बल्कि दोस्ती निभाने में भी मुख्य भूमिका निभाता है. और व्यवहार को संतुलित रखने के लिए एवं समय-समय पर स्वयं का मूल्यांकन करने के लिए खुद के साथ समय बिताना अनिवार्य है. कई बार कुछ छोटे-बड़े विवादों में हमें स्वयं कि गलती नहीं दिखाई देती परन्तु आत्म-मूल्यांकन करने पर पूरी स्थिति साफ़ हो जाती है और अच्छी दोस्ती के लिए यह मूलभूत आधार है. अपने व्यवहार को जानें और उसे नियंत्रित करने की दिशा में कदम उठाएं.

कर्मों से दोस्ती 

‘कर भला तो हो भला’ यह तो आप सभी ने सुना होगा. जो इंसान पूरी इमानदारी और निष्ठा से काम करता है एवं कर्म करते वक्त किसी और से नहीं, बल्कि खुद से दोस्ती निभाता है वही इंसान तरक्की कर सकता है. दोस्ती में भी यह बहुत ज़रूरी होता है कि वचन के साथ-साथ कर्मों से भी दोस्ती निभाई जाए और निर्मल मन से बिना किसी अपेक्षा के साथ रिश्ता रखा जाए.

मैं सबसे पहले स्वयं से दोस्ती करने और निभाने में विश्वास रखता हूँ और इसलिए शायद अपने रिश्तों को भी पूरे समर्पण से निभा पता हूँ. आशा है आप भी इस ‘दोस्ती के मंत्र’ को याद रखेंगे और रिश्तों को बेहतर रूप से समझने कि नीव तैयार करेंगे!

कैलाश विजयवर्गीय जी के विचार और जीवनशैली हमें यह सिखाते हैं कि स्वयं से दोस्ती करना न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारे सभी रिश्तों की नींव है। उनका “दोस्ती का मंत्र” हमें प्रेरणा देता है कि कैसे अपने स्वास्थ्य, सोच, व्यवहार, और कर्मों को संतुलित करके जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।

कैलाश विजयवर्गीय: फिर से बुरे दौर में बांग्लादेश

चीन और पाकिस्तान की भूमिका: बांग्लादेश का बुरा दौर

यह तो जगजाहिर हो गया है कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में एक बार फिर से बुरा दौर लाने में चीन और पाकिस्तान की भूमिका रही है। बगावत के कारण शेख हसीना के देश छोड़ने और अंतरिम सरकार बनने के बाद बांग्लादेश के हालत जल्दी ही ठीक होने के आसार भी नहीं दिखाई दे रहे हैं। खासतौर पर जिस तरह से हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है, वह बहुत चिंताजनक है। चीनी शिकंजे में जकड़ने और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और उसकी सहायता पर पलने वाला जमायत-ए-इस्लामी का असर बढ़ने के बाद शांति स्थापित होने में बहुत समय लग सकता है। जमयात-ए- इस्लामी की छात्र शाखा ने ही विरोध प्रदर्शन करके हालात बिगाड़े थे। यह भी सामने आया है कि आईएसआई जमायत-ए-इस्लामी को आर्थिक सहायता करता रहा है। आईएसआई जमायत-ए-इस्लामी के जरिये बांग्लादेश को भारत विरोधी केंद्र यानी चीन का अड्डा बनाने में लगी है। जिस तरह से अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी सहित कई देशों ने बांग्लादेश की हालत पर चिंता जताई है, चीन पूरी तरह खामोश बैठा है।

चीन का प्रभाव और बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति

कुछ दिनों में यह भी खुलासा हो जाएगा कि आखिर चीन ने बांग्लादेश में ऐसे हालत क्यों पैदा कराए। चीन पिछले लंबे समय से चुपचाप अपने छात्रों को वहां पढ़ाई के नाम भेज रहा था। चीन के छात्र लंबे समय से पढ़ाई के नाम पर सक्रिय होकर शेख हसीना की सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे। छात्रों के विरोधी आंदोलन को चीन और पाकिस्तान ने लगातार बढ़ावा दिया। यहाँ की सेना पर भी चीन और पाकिस्तान का असर दिखाई दिया। चीन ने छात्रों को भी अपने यहां बुलाकर प्रशिक्षण दिया। खबरों में बताया गया है कि पिछले छह वर्षों में लगभग 47 हजार छात्र  चीन पढ़ने गए। इन सबके माध्यम से ही बांग्लादेश में अराजकता फैलाई गई। 15 वर्ष से सत्ता संभाल रही पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना मिशन एजुकेशन और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोगाम के पीछे चीन के इरादों को नहीं भांप सकी। इस दौरान भारत की तरफ से कई बार चिंता भी जताई गई। चीन ने इतना शिकंजा कस दिया था कि वहां के ज्यादातर छात्रों की चीन में पढ़ने और नौकरी करने की दिलचस्पी बढ़ गई थी। चीन ने अपनी शिक्षा नीति को बांग्लादेश के लिए आसान बना दिया था। मेडिकल की पढ़ाई को भी बांग्लादेशी छात्रों के लिए आसान बना दिया गया। भारत के नजदीकी इलाकों में चीन ने निवेश भी खूब किया। इस काम में वहां की बैंक ने भी पूरी सहायता की और चीन में पढ़ने वालों छात्रों की फीस भी चुकाई।

कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और कहा है कि बांग्लादेश में चीन और पाकिस्तान का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने बांग्लादेश में शांति स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है। बांग्लादेश में स्थिरता और शांति के बिना क्षेत्र में स्थायी विकास संभव नहीं है।इससे पहले पाकिस्तान और श्रीलंका में भी चीन ने ऐसे हालात पैदा किए थे। पाकिस्तान को भी चीन ने महंगाई के विरोध प्रदर्शन करके हालात बिगाड़े थे। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी चीन के कारण बिगड़ी थी। इसी तरह श्रीलंका में भी चीन ने विरोध प्रदर्शन कराए। श्रीलंका में भी प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे। पाकिस्तान और श्रीलंका को भी चीन ने कर्ज देकर फंसाया था। इसी तरह का खेल बांग्लादेश में खेला गया। चीन द्वारा श्रीलंका को आर्थिक मदद से मना करने पर भारत ने सहायता की।

Kailash Vijayvargiya,कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय -फिर से बुरे दौर में बांग्लादेश

शेख हसीना की चीन यात्रा और बांग्लादेश के हालात

शेख हसीना की 10 जुलाई को चीन यात्रा से पहले बांग्लादेश में सबकुछ ठीक था। शेख हसीना ने चीन यात्रा के दौरान 21 समझौतों पर दस्तखत किए। निवेश के अलावा रोहिंग्या मसले पर भी बातचीत हुई। शेख हसीना को 14 जुलाई को तय वापसी एक दिन देश लौटना पड़ा। चीन ने शेख हसीना को 20 बिलियन डॉलर मदद का वायदा किया था पर केवल एक बिलियन डॉलर मदद देने की घोषणा की।

कैलाश विजयवर्गीय ने शेख हसीना की चीन यात्रा के बारे में कहा था कि हसीना की पार्टी के महासचिव ने भारत को राजनीतिक मित्र और चीन को विकास में भागीदार बताया था। तत्कालीन विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत को इस यात्रा पर कोई एतराज नहीं है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने इस बयानों की आलोचना की और कहा कि यह भारत का असर है। चीन की चिढ़ने की यह बड़ी वजह बताई गई।

भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और सहयोग

भारत और बांग्लादेश के बीच स्थिति सामान्य होने के बाद व्यापार फिर से शुरू होने की बात कही गई है। दो साल पहले भारत का निर्यात बांग्लादेश को 12.21 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो पिछले साल 11 अरब डॉलर रह गया था। भारत पेट्रोलियम तेल, रसायन, कपास, लोहा, वाहन, इस्पात के अलावा सब्जियां, कॉफी और चाय निर्यात करता है। भारत में बांग्लादेश से वस्त्र आते हैं और इनका 56 फीसदी भारत में आता है। बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग भारत में इलाज कराने आते हैं। अब भारत से व्यापार पर भी असर पड़ेगा। चीन और पाकिस्तान के हालत बिगड़ने के बावजूद बांग्लादेश को भारत से ही सहायता की उम्मीद होगी।

मोदी जी यानी वैश्विक दृष्टिकोण

मोदी जी की गारंटी मतलब, पूरी होने की गारंटी

कैलाश विजयवर्गीय
राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय जनता पार्टी

नरेंद्र मोदी…
यानी एक वैश्विक नेता,
यानी एक संपूर्ण नेता,
यानी धर्म युग के प्रणेता
तमाम संज्ञा, सर्वनाम हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तित्व और विजन के आगे फीके पड़ जाते हैं। वे जो ‘गारंटी’ देते हैं, उसकी हर हाल में पूरी होने की गारंटी होती है।
उनका
एक धर्म: प्रथम भारत
एक पवित्र ग्रंथ: संविधान
एक भक्ति: भारत की भक्ति
एक शक्ति: जन शक्ति
एक संस्कार: जनता की सुरक्षा और खुशहाली
और
एक ही मंत्र: सबका साथ, सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास।

वे सपने नहीं हकीकत बुनते हैं,
तभी तो सब मोदी जी को चुनते हैं।।

हालिया संपन्न विधानसभा चुनावों में देश के तीन राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़) में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि देशवासियों को मोदी जी की गारंटी पर पूरा भरोसा है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह नया भारत है। आकांक्षी भारत है। युवा मतदाताओं का भारत है। इस चुनाव में युवा तरुणाई ने भी बढ़-चढ़कर अपने मत का प्रयोग करते हुए मोदी जी के विजन पर अपनी मुहर लगाई है।
यह अतिशयोक्ति नहीं है कि संपूर्णता समेटे मोदी जी के हर कर्म में सिद्वि झलकती है। वे अपने अदम्य साहस, मेहनत, उत्कृष्ट प्रबंधन, पुरुषार्थ और बेजोड़ कार्यशैली के लिए पहचाने जाते हैं। यथार्थपरक सोच और जमीनी काम के बूते उन्होंने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। वे आज विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। पूरी दुनिया उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का लोहा मानती है। टाइम्स स्क्वॉयर हो या दुबई, हर जगह मोदी जी के नारे गूंजते हैं। वे जनता के दिलों पर राज करते हैं। यह महीने-दो महीने की बात नहीं, बल्कि उनकी वर्षों की तपस्या…सतत परिश्रम और दूरगामी सोच का परिणाम है।
संत शिरोमणि रविदास जी महाराज कहते थे,
ऐसा चाहूं राज मैं जहां सबन को मिले अन्न,
छोटा बड़ा सभ सम बसै, रविदास रहे प्रसन्न।
मोदी जी ऐसे ही सशक्त समाज की स्थापना कर रहे हैं। आजादी के बाद देश की सरकारें अमीर-गरीब, शहर-गांव, कृषि-उद्योग जैसे अनेक विरोधाभासों से ग्रस्त रहीं, लेकिन जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने तो अमीर और गरीब की खाई पाटकर सबको एक साथ लेकर चलने की नीति अपनाई और इसमें निरंतर सफल रहे हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं। जहां दूसरों से उम्मीद खत्म होती है, वहां से मोदी जी की गारंटी शुरू होती है।
देश में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती से शुरू की गई विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए सरकार हितग्राही मूलक योजनाओं से वंचित लोगों को जोड़ने के लिए हर दरवाजे पर दस्तक दे रही है। जिन क्षेत्रों में यात्रा पहुंच रही है, वहां लोग खुशियां मना रहे हैं।

पूरा होने को है 500 वर्ष पुराना स्वप्न :-
500 वर्ष बाद अयोध्या धाम में सकल आस्था के प्रतिमान प्रभु श्रीरामलला के भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 22 जनवरी 2024 को अभिजीत मुहूर्त में प्रधानमंत्री जी के आतिथ्य में श्री रामलला मंदिर में विराजमान होंगे। हम भाग्यशाली हैं कि इस आयोजन के साक्षी बनेंगे। मोदी जी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का जीर्णोद्धार और उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के निर्माण ने प्राचीन इतिहास को और समृद्ध किया है।

एकजुटता की बयार :-
प्रधानमंत्री श्री मोदी की अगुवाई में हमारा देश 21वीं सदी की सबसे जागृत अवस्था में है। भारत आज आध्यात्मिकता, तकनीक और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी है तो इसके पीछे देश की विविध पृष्ठभूमि से आने वाले 140 करोड़ देशवासियों के समर्थन वाली मजबूत और स्थिर सरकार की सबसे बड़ी भूमिका है। देश को एकजुट करने में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जो सफलता हासिल की है, वह आजादी के बाद कोई अन्य प्रधानमंत्री हासिल नहीं कर सके।

विश्वास का वातावरण :-
पारदर्शी छवि और साहसिक फैसले मोदी जी को वैश्विक राजनीति में पहले पायदान पर खड़ा करते हैं। बिना सुरक्षा घेरे के लाल किले से संबोधन उनकी निर्भीकता को दर्शाता है। यह कदम जनता जनार्दन में भी निर्भयता का वातावरण पैदा करता है। मेट्रो ट्रेन में आम जन की भांति यात्रा, बच्चों से स्नेह और नागरिकों से संवाद उनकी सादगी को प्रमाणित करता है। उनके भ्रष्टाचार पर कठोर प्रहार के कदम ने भ्रष्टाचारियों में भय और गरीबों में विश्वास का माहौल बनाया है।

वैश्विक क्षेत्र में नया जीवन :-
मोदी जी के नेतृत्व में आज हमारा भारत स्वच्छ से स्वस्थ हो रहा है। स्वस्थ से समरस हो रहा है। समरस से सशक्त हो रहा है। सशक्त से समृद्ध हो रहा है। यह अमृतकाल की जीवंत यात्रा है और इस यात्रा में अनेक बड़े कदम हैं, जैसे-अनुच्छेद-370, तीन तलाक, कोरोना से जंग एवं चांद पर दस्तक। जी-20 शिखर सम्मेलन की कामयाबी भी बता रही है कि मोदी जी की अगुवाई में भारत की संस्कृति, विविधता और सभ्यता वैश्विक क्षेत्र में फिर से नया जीवन ले रही है।

आत्मनिर्भर हो रहा भारत :-
प्रधानमंत्री जी ने भारत की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन करने का लक्ष्य रखा है और देश इस संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहा है। हम देख रहे हैं कि भारत गरीबी से मुक्त हो रहा है। आर्थिक रूप से संपन्न हो रहा है। शिक्षा में अग्रणी हो रहा है। मोदी जी के व्यक्तित्व को हिन्दी शब्दकोष के शब्दों में व्यक्त करना मानो मुश्किल है। अब 2024 के बाद आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का स्वप्न मोदी जी के नेतृत्व में पूरी तरह साकार होगा, इसका पूर्ण विश्वास है।

अब और क्या बताऊं उनके किरदार के बारे में,
बस यूं समझ लीजिए.. चमकते चांद हैं…करोड़ों सितारों में..।।
आपका वंदन…।

नरेंद्र मोदी- एक अनुकरणीय व्यक्तित्व

कैलाश विजयवर्गीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्पूर्ण जीवन, उनके विचार, संगठन और सरकार में रहते हुए कार्य हमारे लिए प्रेरणा हैं। गुजरात में भाजपा के महामंत्री, मुख्यमंत्री तथा अब केंद्र में प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के कार्य केवल राजनीतिक क्षेत्र के ही नहीं बल्कि देश के हर व्यक्ति में एक नई ऊर्जा का संचार करते हैं। केंद्र में मोदी सरकार के दस वर्ष पूरे होने वाले हैं। मोदी सरकार की योजनाओं, परियोजनाओं और विकास कार्यों की जानकारी हर वर्ष आम जनता तक पहुंचाई जाती हैं। वाराणसी के सांसद के तौर पर किए गए विकास कार्य हर सांसद के लिए उदाहरण हैं। एक सांसद के तौर पर जिस तरह मोदीजी ने वाराणसी का विकास कराया है, वे हर जनप्रतिनिधि को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उदाहरण हैं। जिस तरह से प्रधानमंत्री ने एक सांसद के तौर पर ग्रामों गोद लेकर विकास कराया, उससे भी हमें प्रेरणा मिलती है।
गुजरात में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक, गुजरात भारतीय जनता पार्टी के महासचिव, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के तौर उनकी रणनीतियां, कार्यकर्ताओं के लिए संदेश और मार्गदर्शन हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहे हैं। गुजरात के कार्यकर्ता अक्सर बातचीत में जिक्र करते हैं कि मोदीजी पार्टी के प्रशिक्षण शिविरों में एक आदर्श कार्यकर्ता में ये चार प्रमुख गुण होना जरूरी मानते थे। मोदीजी कार्यकर्ताओं को प्रेरणा देते हुए कहते थे कि एक आदर्श कार्यकर्ता में पग में चक्कर, जीभ में शक्कर, सर पे बर्फ और दिल में हमा रखने का मंत्र सिखाते थे। पग में चक्कर यानी लगातार सक्रिय रहो और जीभ में शक्कर का मतलब हमेशा मीठी वाणी बोलों। इसके साथ ही सर पे बर्फ यानी शांति से कार्य करो और दिल में हाम का अर्थ बताते थे कि हमेशा हिम्मत रखो। कार्यकर्ताओं को ऐसा मंत्र देते हुए मोदीजी ने गुजरात में भाजपा को मजबूती से जमा दिया। 1967 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडने के बाद 1984 में भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री, 1987 में प्रदेश महामंत्री का पद संभालने वाले मोदी ने अहमदाबाद नगर निगम में भाजपा का पहली बार परचम फहराने के बाद पार्टी को गुजरात में लगातार विजयश्री दिलाई। पिछले विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की अगुवाई गुजरात की जनता ने सारे रिकार्ड तोड़ते हुए भाजपा को 156 सीटों पर जीत दिलाई। गुजरात को नंबर एक राज्य बनाने के बाद नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत एक बड़ी ताकत बनकर उभरा। 2014 में विश्व की दसवीं अर्थव्यवस्था भारत आज पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। मोदीजी ने अगले कार्यकाल में भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है। विदेशी मोर्चे पर देश की धाक बड़ी है। विश्व के बड़े-बड़े नेताओं के लिए अब भारत की राय महत्व रखती है। देश की सीमाएं सुरक्षित हैं तो आंतरिक शांति बढ़ी है। देश में आधारभूत ढांचा मजबूत हो रहा है तो खेती विकसित हुई है। किसान खुशहाल हुए हैं। मोदी सरकार में गरीबों की समस्याएं दूर हुई हैं। सरकार ने उनके लिए रोजगार, आवास, चिकित्सा, शिक्षा आदि की व्यवस्था की है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों और शहरों में 12 करोड़ शौचालय बने। जनधन योजना के मुद्रा योजना के तहत 40.82 करोड़ लोगों को 23.2 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया। पीएम आवास योजना के तहत 3.45 करोड़ घर बनाए गए। उज्ज्वला योजना के तहत 9.59 करोड़ घरों में एलपीजी कनेक्शन दिया गया। जन आरोग्य योजना के तहत 4.44 करोड़ लोगों का इलाज हुआ। किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के 12 करोड़ किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। हर घर जल योजना के तहत अब तक 11.66 करोड़ परिवारों को पीने का साफ पानी उपलब्ध कराया गया।
मोदीजी ने जिस तरह पुरातन काशी नव्य-भव्य-दिव्य रूप दिलाया है। बाबा विश्वनाथ कोरिडोर के निर्माण के बाद दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस बार सावन के महीने उमड़ी अपार भीड़ ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए। पुरातन काशी की सड़कों चौड़ा किया गया है। काशी में 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं का लोकापर्ण किया गया। 2023 तक 500 से ज्यादा परियोजनाओं को लोकार्पण किया गया। काशी के आसपास के शहरों को हाइवे से जोड़ा गया है। काशी की जनता को रेल, सड़क, जल, हवाई यातायात की सुविधाएं दिलाई गईं हैं। गंगा के घाटों को नया रूप देने के साथ ही मोदीजी ने काशी की जनता को स्वस्छता संदेश दिया है। काशी की जनता भी अपने लोकप्रिय प्रधानमंत्री और सांसद के हर संदेश को मान रही है। अगर किसी को भव्य काशी के निर्माण पर विश्वास नहीं हो रहा हो तो काशी में बाबा विश्वनाथ दर्शन करने जाइये। वहां की जनता मोदीजी का गुणगान करते मिलेगी।

मोदी की सफल आर्थिक नीति

कैलाश विजयवर्गीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल अमेरिका की यात्रा के दौरान 23 जून को अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि जब पहली बार यहां आया था तो भारत की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हम जल्दी ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। उन्होंने कहा था कि हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और भारत बढ़ता है तो दुनिया बढ़ती है। भारत आज दुनिया में विदेशी वित्त निवेश में सबसे आगे है। हाल ही में जारी की गई वर्ल्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट-2023 में बताया गया है कि 2022 में भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) दस प्रतिशत बढ़ा है। इस मामले में भारत ने अमेरिका,चीन और ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज भारत की गिनती दुनिया के सशक्त देशों में होती है। रिपोर्ट के अनुसार विदेशी निवेश के कारण भारत अब विश्व स्तर नई परियोजनाओं की घोषणा करने वाला तीसरा और अंतरराष्ट्रीय परियोजना वित्त सौदों के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया। प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक नीतियों, जवाबदेह प्रशासन, आतंकवाद पर काबू, जनकल्याणकारी योजनाएं, डिजिटल भुगतान, भ्रष्टाचार पर रोक, बुनियादी ढांचे का विस्तार, विश्वस्तरीय परिवहन, घरेलू उत्पादन पर जोर आदि के माध्यम से देश की एक नई छवि गढ़ी है।

मोदी की नीतियों के कारण ही देश को 2014 से 2022 के दौरान 525 अरब डॉलर के विदेशी निवेश मिला है। कांग्रेस की अगुवाई वाली मनमोहन सिंह सरकार में 2006 से 2014 के दौरान 289 अरब डॉलर का विदेशी निवेश देश को मिला था। इस तरह देखे तो मोदी सरकार में 82 प्रतिशत ज्यादा विदेशी निवेश देश को मिला है। 2021-22 में अबतक का सबसे ज्यादा रिकार्ड 84.84 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश देश को मिला है। वर्ष 2014-15 में भारत में केवल 45.15 अरब अमेरिकी डॉलर विदेशी निवेश आया था।

वित्त वर्ष 2003-04 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 4.3 अरब अमेरिकी डॉलर था। उस समय के मुकाबले आज एफडीआई 20 गुणा बढ़ गया है। यह तब है जब रूस और यूक्रेन में युद्ध जारी है। कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के माध्यम से मोदी सरकार ने किसी क्षेत्र को भी नुकसान नहीं होने दिया। मोदी सरकार की नीतियों के कारण भारत विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश में बहुत बड़ी छलांग मार चुका है। 2020-21 में 12.09 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2021-22 में 21.32 अरब अमेरिकी डॉलर विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी 76 फीसदी बढ़ी थी। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ऑटोमोबाइल उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र में भी विदेशी निवेश बहुत तेजी से बढ़ा है। मोदी सरकार की नीतियों के कारण कोयला खनन, अनुबंध निर्माण, डिजिटल मीडिया, एकल ब्रांड खुदरा व्यापार, नागरिक उड्डयन, रक्षा, बीमा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में भी एफडीआई बढ़ रहा है।

अगर वैश्विक परिदृश्य पर नजर डाले तो परिस्थितियां बहुत प्रतिकूल दिखाई देती है। ज्यादातर देश में अशांति छाई हुई है। पड़ोसी पाकिस्तान की जनता परेशान है। लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। अफगानिस्तान पूरी तरह अशांत है। दुनिया को स्थिति को भांपते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2023 की शुरुआत में कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था कमजोर रहेगी। यूरोपीय देशों को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ेगा। पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार ने तमाम संकंटों का मुकाबला करते हुए देश को मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया है। आज भारत रक्षा उत्पादन निर्यात में तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है। मेक इन इंडिया के कारण रक्षा उत्पादन एक लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है। भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं और देश में कुछ घटनाओं को छोड़ दें तो आंतरिक शांति व्याप्त है। नक्सलवाद कुछ जिलों तक सीमित रह गया है। सुरक्षित और सशक्त भारत आर्थिक मजबूती की तरफ बढ़ रहा है।