5 दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज़ अशरफ भारत आते हैं, अजमेर शरीफ की दरगाह में दुआ करते हैं और आतंकवाद के सभी मुद्दों को जैसे अनदेखा करते हुए भारत के विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद उनके सम्मान में भोज आयोजित करते हैं. और फिर आज अचानक ही खुर्शीदजी भारत-पाकिस्तान हॉकी सीरीज की बात पर पाकिस्तान के खिलाफ रवैय्या दिखाते हैं जबकि खेल तो सौहार्द भाव को बढाता है. यूपीए सरकार का यह दोगला व्यवहार किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं होना चाहिए. यूपीए को अब तो पाकिस्तान के प्रति किसी एक भाव की खुलकर अभिव्यक्ति करनी ही चाहिए.
आतंकवाद को पनाह देने वाले व्यक्ति के साथ सद्व्यवहार और सद्भावना बढाने वाले खेल के साथ दुर्व्यवहार, क्या यह उचित है?