‘आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नहीं है, पूरे देश को मजबूत होना होगा.’ – लाल बहादुर शास्त्री
आज के दिन 47 वर्ष पूर्व हमने लाल बहादुर शास्त्रीजी को खोया था परन्तु उनकी सीख अब भी हमारे साथ है. दूरदर्शी शास्त्रीजी के शब्द आज के परिपेक्षमें भी उतने ही यथार्थ हैं. आज देश में बढ़ते क्राइम को देखकर यही लगता है कि सीमा पार से ज्यादा नागरिकों को देश के अन्दर मौजूद गुनहगारों से खतरा है. आज़ादी का हर पल हनन हो रहा है चाहे वो घर से निकलकर निडर सड़कों पर घूमने की आज़ादी हो (दिल्ली गैंग रेप केस) या व्यापार करने की (एफ डी आई), किसी मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करने की बात हो (लक्ष्मण-रेखा) या विरोध करने के लिए एक जुट होने की (इंडिया अगेंस्ट करप्शन), सोशल मीडिया (बाला साहेब ठाकरे के निधन पर फेसबुक कमेंट के लिए अरेस्ट) पर अपने विचार व्यक्त करने की बात हो या मीडिया द्वारा सच्चाई को सामने लाने का प्रयास (दिल्ली गैंग रेप केस में लाइव गवाही और नाम व्यक्त करने के कारण जी टीवी पर कानूनी कार्यवाही). अब समय आ गया है जब आज़ादी के लिए प्रत्येक देशवासी को संगठित होकर देश को मजबूत करना होगा!
आज शास्त्रीजी की याद में मैं आपसे यही कहना चाहूँगा कि अपने अधिकारों के लिए खड़े हों और किसी को भी आपकी आज़ादी का हनन न करने दें. जय हिन्द!