करें इंसानियत से दोस्ती!
इंसानों से दोस्ती तो हम सभी करते हैं और हमेशा से करते आए हैं लेकिन जीवन की आपा-धापी में कहीं इंसानियत से दोस्ती करना भूल गए हैं. आज फ्रेंडशिप डे के दिन एक बार फिर इंसानियत से दोस्ती करने की कोशिश कीजिये. कृष्ण-सुदामा की दोस्ती का उदहारण सभी देते हैं पर आपने कभी सोचा कि उनकी दोस्ती की ख़ास बात क्या थी…? कृष्ण जी सिर्फ सुदामा के अच्छे दोस्त ही नहीं थे बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे और इसलिए उन्होंने सुदामा को न सिर्फ दोस्त की तरह मदद करने की कोशिश की बल्कि उसके साथ अच्छा व्यवहार करके उसे ख़ास एहसास भी दिया. इंसानियत से दोस्ती हो तभी हम इंसानों से दोस्ती निभा सकते हैं.
इंसानियत से ही निःस्वार्थ भावना का जन्म होता है और किसी अनजाने इंसान को अपना बनाने व उसके सुख-दुःख को अपना समझने की प्रेरणा मिलती है. हर पल ‘इंसानियत’ को अपने ज़हन में सर्वोपरि रखने की आवश्यकता है तभी किसी अनजान इंसान को सच्चे दिल से दोस्त के रूप में अपनाया जा सकता है. आज के ज़माने में फेसबुक, ट्विटर, वाट्स-एप, मोबाइल आदि के माध्यम से दोस्त बनाना और उनसे संपर्क रखना तो बेहद आसान हो गया है लेकिन सम्बन्ध सिर्फ बातों तक ही सीमित हो गए हैं उन्हें व्यवहार में लाने के लिए न किसी के पास समय है और नाही किसी के मन में वो अपनत्व का भाव. परन्तु हम क्यूँ ये भूल जाते हैं कि इस दुनिया से हमें वही मिलता है जो हम इसे देते हैं…
आज वो दिन है जो हमें यह याद दिलाता है कि इंसानियत से दोस्ती ही ‘दोस्ती के रिश्ते’ को सार्थक कर सकती है. कृपया अपने अन्दर की इंसानियत कभी न मरने दें!
फ्रेंडशिप डे की हार्दिक शुभकामनाएं!