शहीद दिवस
कुछ और हमारे खून में हो न हो,
बस प्यार देश का जरूर होना चाहिए.
देश के प्रति सच्चा प्यार ही देश की प्रगति के लिए जरूरी है. यही तो वह प्यार है जो देश के लिए जान भी कुरबान करने हेतु हमें तैयार कर देता है. हमारे देश के लिए अपनी जान न्योछवर कर देने वाले सच्चे देशभक्त शहीदों की याद में ही आज हम देशभर में शहीद दिवस मना रहे हैं. मैं देश के उन सभी वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अथवा देशसेवा या समाजसेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी.
देश के लिए कुर्बान हो जाने वाले क्रन्तिकारी वीर शहीद सुखदेव, भगतसिंह, राजगुरु ने २३ मार्च १९३१ को संध्या समय हंसते हंसते फांसी के फंदे को गले लगा लिया था. देश की आजादी के लिए दी गई उनकी अमर कुर्बानी की याद में ही हम इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं.
शहीद भगतसिंह की प्रेरणादायी अदभूत यह मान्यता देखें- कि जिस दिन भारतवासियों में शहीदों जैसी त्याग भावना आएगी, उस दिन सही अर्थों में देश आज़ाद और प्रगतिशील होगा. वे हरदम कहा करते थे कि देश में जड़ता और निष्क्रियता को तोड़ने के लिए क्रांतिकारी विचार और भाव जगाना जरूरी है. क्रांतिकारी भाव यानी हम देश में पीड़ितों के हित के लिए खुद को समर्पित करें. देश और देशवासियों के प्रति हम अपने कर्तव्यों का सच्चाई से पालन करें. ऐसा होने पर ही देश में सच्ची आज़ादी होगी.
आज के परिप्रेक्ष्य में अर्थ यह है कि देश में जो भी सरकार हो उसे जड़ता और निष्क्रियता दूरकर लोकहित के लिए समर्पित होना चाहिए. इधर हम लोगों का भी कर्तव्य है कि हम स्वानुशासन में रहकर देश सेवा हेतु अपना सौ टका प्रयास करें. यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी मौजूदा भाजपा सरकार ऐसी सभी कसौटियों पर खरी उतर रही है. सुखद है कि जनता भी यह स्वीकार करती जा रही है. और खास बात – जनता भी सबके साथ देश का विकास का महत्व समझ रही है. उसमें देश के समग्र विकास के प्रति जाग्रति आ रही है.
सार यह है कि देश के लिए मरना जरूरी नहीं है. उसके लिए समर्पण भाव से जीना जरूरी है. आप जो भी काम करते हैं, वो शहीद भाव से देशहित और समाजहित में करें. अपने स्वार्थ भाव को गौण कर त्याग और समर्पण का भाव पैदा करें. भाव, विचार बदलने से कर्म बदल जाते हैं. तो विचार बदलें, देश हित में और देश सेवा में अपना शतप्रतिशत देवें. शहीद दिवस पर देश के शहीदों को यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
हम बनें हैं देश के योगी, करें हम ध्यान भारत का
उठाकर हाथ में झंडा, करें विकास भारत का,