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Nadda ji

Better than all the world is our India

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा

हम भारत वासियों को समरसता, धैर्य, जिवरता के गुण सांस्कृतिक विरासत के रूप में मिले है।
इसी कारण हाल ही के प्रमुख अख़बारों में नोट बंदी के संदर्भ में देशवासियों के सुझाव, उनके भाव और देश संवारने की उनकी दिल छु लेने वाली ललक देखने को मिली। जैसे किसी परिवार का मुखिया अपने परिवार के हित के लिए एक बार कोई निर्णय ले लेता है, तब फिर परिवार का हर सदस्य बिना कोई कुतर्क या असंतोष के उनकी नेक नियत पर विश्वास करता है। सारा परिवार संपूर्ण निष्ठा से उस निर्णय को वांछित परिणाम तक पहुँचाने में जुट जाता है, और उसे पूरा करके ही दम लेता है। वैसे ही हमारा पूरा देश एक घर है, और हम सभी देशवासी इस घर-परिवार के आत्मीय सदस्य है।

हमारे मुखिया प्रधानमंत्रीजी ने देशहित में मुद्रा व्यवस्था में बदलाव का निर्णय लिया है। उनके प्रति हम सबका विश्वासपूर्ण नजरिया है। हमारा ऐसा आपसी व्यवहार ही विश्व के सामने हमारा राष्ट्र के प्रति आत्मीय भाव प्रकट करने का जीवंत उदाहरण है।

पारिवारिक आत्मीयता और त्याग का भाव दर्शाने वाले कुछ सुझाव आए हैं, उन पर एक नजर:

विरेंद्रजी कमलियाजी ने लिखा– “जरूरत से ज्यादा रकम न निकालें, दूसरों का ध्यान रखें।” (त्याग भाव)

“किसानों की खड़ी फसलें सड़ रही हैं, नकद खरीदे सरकार” (सबका हित चिंतन)

“कालाधन ठिकाने लगाने वालों की शिकायत के लिये नम्बर हो” (चौकन्नी सजगता)

“रिटायर्ड बैंक कर्मियों और बैंकिंग छात्रों की मदद लें” (सुखद तथ्य है कि वे स्वैच्छा से सहयोग कर रहे हैं)

मोदीजी के मुरीद होकर कुछ नक्सली बोले- “नोट बंदी से विषमता घटेगी, हम भी फैंक देंगे बंदूकें” (ह्रदय परिवर्तन)

जब नेक अभियान में प्रधानमंत्रीजी के साथ कूद ही गये हैं, तो इसे सफल करके ही रहेंगे। देशवासियों का ऐसा जज्बा तो हम देख ही रहे हैं। इधर देशभर के बैंक कर्मियों की कर्तव्य परायणता, उनके प्रेरणाप्रद त्याग और मृदु व्यवहार पर भी एक नजर डालें। इससे निश्चित ही देश के प्रति हमारा भाव ज्यादा मिठास और प्रेमरस से भरापूरा हो जाएगा।

पुरे देश में बैंकिंग स्टाफ व सहयोगी प्रधानमंत्री जी की नोट बंदी योजना को, लक्ष्य तक सफलता पूर्वक ले जाने हेतु जी जान से लगे हुए हैं। अत्यंत सुखद, संतोष व सुकून देने वाली कर्तव्य परायणता, ये है हमारा असली भारत! सभी देशवासी अपने देश के विकास हेतु ह्रदय से जूझ रहे हैं। दृष्टी लक्ष्य पर और हर हाथ सरकार के साथ। किसी मधुर संगीत के साथ यह गाते नहीं थकते…

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलिस्थान हमारा। जय हिन्द!