Kailash Vijayvargiya blogs Bharat maa kee jay Kahana - Kailash Vijayvargiya Blog
kailash vijayvargiya kailash vijayvargiya
Nadda ji

Bharat maa kee jay Kahana

भारत माँ की जय कहना, मातृभूमि की वन्दना है !  वन्दना से मिलती है शक्ति, यही है देश की पूजा, यही है देशभक्ति। ”भारत माता की जय” भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला यह नारा, हर भारतीय के जीवन का पोषण करने वाली भारत भूमि की मुक्ति के लिए की गई कोशिशों में उसकी संतानों के हृदय से किया गया एक उद्घोष था। उत्साह का संचार करने वाली भारत माता की वंदना करती यह उक्ति, स्वाधीनता संग्राम के सिपाहियों में नयी उर्जा और साहस का दम भर देती थी। यह केवल नारा नहीं है, यह राष्ट्रप्रेम से जुड़ी एक भावना है, जिसे…

भारत माँ की जय कहना,
मातृभूमि की वन्दना है ! 
वन्दना से मिलती है शक्ति,
यही है देश की पूजा, यही है देशभक्ति।

”भारत माता की जय”
भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला यह नारा, हर भारतीय के जीवन का पोषण करने वाली भारत भूमि की मुक्ति के लिए की गई कोशिशों में उसकी संतानों के हृदय से किया गया एक उद्घोष था।

उत्साह का संचार करने वाली भारत माता की वंदना करती यह उक्ति, स्वाधीनता संग्राम के सिपाहियों में नयी उर्जा और साहस का दम भर देती थी। यह केवल नारा नहीं है, यह राष्ट्रप्रेम से जुड़ी एक भावना है, जिसे राष्ट्र निर्माण से जुड़े अवसरों, कार्यक्रमों, आंदोलनों में उद्घोषित करने से मन को अदभुत शक्ति और शांति मिलती है, मानों हमने अपनी धरती माँ की वन्दना की हो और प्रतिफल में हमे एक आत्मबल मिला हो, जो हमे विश्व से प्रतिस्पर्धा के लिए प्रेरित कर, हमारा विजय मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

भारत एक नारी की प्रतिमा मात्र नहीं है, न ही यह कोई मूर्ति है जो किसी देवी-देवता की परिचायक होकर किसी धार्मिक भावना को प्रकट करती हो। वास्तव में भारत का हर कोना हर भाग मिलकर ही भारत माता के स्वरुप को दर्शाता है।

इसलिए जब आप “भारत माता की जय” कहते हैं, तो याद रखिए कि आप भारत के हर किसानों, मजदूरों, दूकानदारों, उद्योगपतियों, संतों, खिलाड़ियों, कलाकारों, वैज्ञानिकों, सेना के जवानों, जनसेवकों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों सभी की जय कहते हो, जिन्होंने इस देश को अतुल्य, संवृद्ध और शक्तिशाली बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया है।

हमारे पहाड़, नदियाँ, जंगल, जमीन, वन संपदा, खनिज.. हमारे प्राकृतिक संसाधन यही तो है भारत माता। हम जिस धरती पर रहते हैं, जिस देश ने हमें इतना कुछ दिया है, जिस धरती पर हमारी आने वाली पीढ़ी जन्म लेंगी, उस धरती माँ की वन्दना करने में हम सब को गर्व होना चाहिए इसके लिए हमें किसी त्यौहार या अवसर की आवश्यकता नहीं है।

भारत माता की जय हम हमेशा कह सकते हैं, हर स्थान पर, हर व्यक्ति से। हर भारतीय से मेरा अनुरोध है, आज से जब भी किसी से मिलें तो “नमस्कार” की जगह “भारत माता की जय” बोलें, जब किसी को विदा करें तो “बाय-बाय” की जगह “भारत माता की जय” बोलें और जब भी कोई खुशी व्यक्त करनी हो तो “हिप-हिप हुर्रे” की बजाय “भारत माता की जय” का उद्घोष करें।

आप यदि मेरी बात से सहमत हो तो टिप्पणी में “भारत माता की जय” कहें और इस विचार को अधिक से अधिक भारतीयों के साथ साझा करें।

अब जोर से बोलो – “भारत माता की जय”
प्रेम से बोलो – “भारत माता की जय”
सारे बोलो – “भारत माता की जय”

“भारत माता की जय” जय हिंद !