समग्रता से परखें, मोदी जी के पिप्पलिका प्रयासों को
छोटे-छोटे काम करते चलो, एक दिन बुलंदी छूँ लोगे। हमारे प्रधानमंत्री जी, इस उक्ति का उपयुक्त आदर्श हैं, अपने सतत् प्रयासों से कामयाबी के मार्ग पर वे अग्रसर हैं।
टाइम पर्सन ऑफ़ द इयर के लिये हुए रीडर्स पोल में ओबामा, ट्रम्प जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए वे विजयी रहे, विश्वभर में इनकी साफसुथरी, ताकतवर छवि का प्रमाण निश्चित ही ये परिणाम माने जा रहे हैं,पर क्योंकि सरकार के प्रतिपक्षी अपने स्वार्थ का चश्मा लगाये हुए हैं अतः उन्हें सुपरिणाम नजर ही नहीं आते और अपने ही स्वार्थ में अंधे वे अवांछित धमाल मचाये रखना ही हितकर मान बैठे हैं।
अनेक प्रतिपक्षियों और गिरगिट नुमा मुख्यमन्त्री जी को प्रायः मनमाफिक सफलता नहीं मिल रही क्योंकि उनकी प्रवृत्ति कुछ इस तरह की होती है:-
एक बन्दर ने किस्मत से एक फल मुंह में लपक लिया। अप्रत्याशित ख़ुशी और अधीरता के अतिरेक में वह डाल-डाल पर उछल कूद करने लगा।
लक्ष्यहीन कूदाफान्दी में फल मुंह से छूट गया और बंदर जी हाथ मलते उसे देखते रह गए। सही ही कहा है- यदि आदर्श को दृढ़तापूर्वक न पकड़ा जाए तो विभिन्न घटनाक्रम में फल खो दिया
जाता है।
हमारे प्रधानमंत्रीजी के प्रयास बंदरनुमा नहीं ,चींटी जैसे हैं। चींटी धीरे धीरे अपने वांछित लक्ष्य की ओर बढ़ती है,सही तरीके से पदार्थ मुंह में लेकर अपने गंतव्य तक पंहुचती है और उचित समय पर फल का भरपूर सदुपयोग करती है।
मोदीजी का भी लक्ष्य स्पष्ट होता है। वे सतत् प्रयास से उसकी प्राप्ति में जुट जाते हैं। चींटी समान लक्ष्य पर पकड़ बनाते हैं और इच्छित परिणाम हासिल करने में सफल होते हैं। ऐसा ही तथ्य उनका भ्रष्टाचार व काले धन पर नियंत्रण के सन्दर्भ में प्रकट होने वाला है। उनकी योजनाओं को अँधेरे में हाथी को भिन्न अंगों में समझने जैसे न आंक कर ,प्रकाश में धीरज से समग्र रूप में समझना उपयुक्त होगा।
मोदीजी की दूरदृष्टि ,लक्ष्य की स्पष्टता और सुनियोजित प्रयासों को इस तरह समझ सकते हैं, सर्वप्रथम मोदीजी ने जनधन खाते खुलवाए ताकि अधिसंख्य देशवासी बैंक से जुड़ें। कालाधन घोषित कर इस अपराध से बचने का अवसर दिया गया फिर अकस्मात् नोट बंदी। नोट बंदी से उपजे क्षणिक व्यवधानों, असुविधाओं को भी मोदीजी सीढ़ियों में बदल रहे हैं। अब अधिकतम भुगतान व अन्य सरकारी-अर्द्धसरकारी कार्य ऑनलाइन कर रहे हैं ,ताकि भ्रष्टाचार और कालेधन के छिद्र और रास्ते बंद किये जा सकें।
ऐसे में जब सम्पूर्ण विश्व मोदीजी के प्रयासों को मान्यता दे रहा है तब हम देशवासी भी धैर्य ,विवेक से प्रतीक्षा करें, वांछित फल का स्वाद जरूर पाएंगे।