Kailash Vijayvargiya blogs India's Digital Governance Era | Kailash Vijayvargiya
kailash vijayvargiya kailash vijayvargiya
Nadda ji

भारत एक बढ़ता हुआ डिजिटल लोकतंत्र कोविड 19 के बाद

Kailash Vijayvargiya ,कैलाश विजयवर्गीय

लोकतंत्र में भरोसे की आवश्यकता और डिजिटल स्पेस का महत्व

लोकतंत्र एक बुनियाद भरोसा है. नागरिकों को ये भरोसा होना चाहिए कि उनके पास सही जानकारी है,कि सरकार उनकी हिफ़ाज़त करेगी और उनका वोट मायने रखता है. स्वस्थ लोकतंत्र के काम-काज के लिए सार्वजनिक क्षेत्र ज़रूरी हैं. ये देखते हुए कि डिजिटल स्पेस महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक चर्चा के लिए आवश्यक हो गया है ख़ास तौर से उस वक़्त जब वैश्विक महामारी की वजह से व्यक्तिगत मेल-जोल जोख़िम भरा हो गया है तब डिजिटल कनेक्ट एक वास्तविकता हो गया है और वो लोकतांत्रिक नियमों और परंपराओं को मज़बूत करने के लिए समर्पित होना चाहिए।

रिफॉर्म्स और स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में भारत का नया अध्याय

रिफॉर्म्स को लागू करने के लिए गुड औऱ स्मार्ट गवर्नेंस चाहिए। आज दुनिया इस बात की साक्षी है कि कैसे भारत अपने यहां गवर्नेंस का नया अध्याय लिख रहा है। नियमों-प्रक्रियाओं की समीक्षा होनी चाहिए। केंद्र हो या राज्य सभी के विभागों से, सभी सरकारी कार्यालयों को अपने यहां के नियमों-प्रक्रियाओं की समीक्षा का अभियान चलाना चाहिए। क्योंकि हर वो नियम, हर वो प्रक्रिया जो देश के लोगों के सामने बाधा बनकर, बोझ बनकर, खड़ी हुई है, उसे हमें दूर करना ही होगा।

डिजिटल लोकतंत्र: भारत का अद्वितीय अनुभव और नवाचार

हम डेटा का इस्तेमाल लोगों को शक्तिसम्पन्न करने के स्रोत के रूप में करते हैं। व्यक्तिगत अधिकारों की मजबूत गारंटी के साथ लोकतांत्रिक संरचना में ऐसा करने का भारत के पास बेमिसाल अनुभव है, भारत जैसा विशाल लोकतांत्रिक देश डिजिटल लोकतंत्र के क्षेत्र में नया आयाम गढ़ सकता है, Y2K समस्या से जूझने में भारत का योगदान और को-विन प्लेटफॉर्म को पूरी दुनिया के लिये सहज रूप से उपलब्ध करने की पेशकश भारत के मूल्यों तथा उसके विजन की मिसाल हैं भारत की संसद के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस भवन और भारत सरकार के सभी मंत्रालयों के कामकाज के लिए एक कुशल और टिकाऊ केंद्रीय सचिवालय का निर्माण करके शासन प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य वाली सेंट्रल विस्टा परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है।

डिजिटल प्रौद्योगिकी में भारत की अग्रणी भूमिका और भविष्य की दिशा

भारत नागरिकों के जीवन को बदलने और शासन में दक्षता लाने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाला प्रमुख राष्ट्र बन गया है। भारत डिजिटल भुगतान, डिजिटल पहचान, प्रौद्योगिकी संचालित कोविड टीकाकरण अभियान चलाने, वित्त प्रौद्योगिकी अपनाने और इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करने में दुनिया में अग्रणी है। भारत पहले से ही अपनी मजबूत लोकतांत्रिक साख और सुपरिभाषित संसदीय प्रक्रियाओं और प्रणालियों के लिए जाना जाता है। जल्द ही भारत अपने डिजिटल लोकतंत्र के लिए जाना जाएगा। आने वाले वर्षों में आर्टिफ़िशियल-इंटेलिजेंस, एनालिटिक्स, ब्लॉक चेन आदि जैसी उभरती तकनीक के उपयोग के साथ प्रौद्योगिकी हमारे लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण सुधार करेगी।

डिजिटल प्रौद्योगिकी में भारत का नेतृत्व और भविष्य की योजनाएँ

एक अरब 30 करोड़ से अधिक भारतीयों के पास “आधार” विशिष्ट डिजिटल पहचान है, छह लाख गांवों को जल्द ही ब्रॉडबैंड से जोड़ दिया जायेगा और विश्व की सबसे कारगर भुगतान संरचना, यूपीआई भारत के पास है। सुशासन, समावेश, अधिकारिता, संपर्कता, लाभों का अंतरण और जनकल्याण के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल। भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से विकसित होने वाला स्टार्ट-अप इको-सिस्टम है। भारत के उद्योग और सर्विस सेक्टर, यहां तक कि कृषि क्षेत्र भी विशाल डिजिटल परिवर्तन से गुजर रहे हैं। हम 5जी और 6जी जैसी दूरसंचार प्रौद्योगिकी में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने के लिये निवेश कर रहे हैं। कृत्रिम बौद्धिकता और मशीन-लर्निंग, खासतौर से मानव-केंद्रित तथा कृत्रिम बौद्धिकता के नैतिक उपयोग के क्षेत्र में भारत अग्रणी देशों में शामिल है। हम क्लाउड प्लेटफॉर्म्स और क्लाउड कंप्यूटिंग में मजबूत क्षमतायें विकसित कर रहे हैं।

हम हार्डवेयर पर ध्यान दे रहे हैं। हम एक पैकेज तैयार कर रहें, ताकि सेमी-कंडक्टर के मुख्य निर्माता बन सकें। इलेक्ट्रॉनिकी और दूरसंचार में हमारा उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। भारत में अपना केंद्र बनाने के विश्व भर में फैली कंपनियां और संस्थायें आकर्षित हो रही हैं, डेटा सुरक्षा, निजता और सुरक्षा के लिये भारत प्रतिबद्ध है।

ग्रामीण भारत में डिजिटल परिवर्तन और ‘वोकल फॉर लोकल’ की पहल

जहां तक ग्रामीण भारत की बात है तो आज हम अपने गांवों को तेजी से परिवर्तित होते देख रहे हैं। बीते कुछ वर्ष, गांवों तक सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं को पहुंचाने के रहे हैं। अब गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, डेटा की ताकत पहुंच रही है, इंटरनेट पहुंच रहा है। गांव में भी डिजिटल एंटरप्रेन्योर तैयार हो रहे हैं। वहीं, वोकल फॉर लोकल की सफलता के लिए सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफार्म तैयार करेगी। आज जब देश वोकल फॉर लोकल के मंत्र के साथ आगे बढ़ा रहा है तो यह डिजिटल प्लेटफॉर्म महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप के उत्‍पादों को देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में और विदेशों में भी लोगों से जोड़ेगा और उनका फलक बहुत विस्‍तृत होगा।

कृषि और वैज्ञानिक नवाचार: खाद्य सुरक्षा और उत्पादन बढ़ाने की दिशा में

वहीं, कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिकों की क्षमता को महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि देश के हर क्षेत्र में हमारे देश के वैज्ञानिक बहुत सूझ-बूझ से काम कर रहे हैं। हम अपने कृषि क्षेत्र में भी वैज्ञानिकों की क्षमताओं और उनके सुझावों को शामिल कर रहे हैं । इससे देश को खाद्य सुरक्षा देने के साथ फल, सब्जियां और अनाज का उत्‍पादन बढ़ाने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी।

भारतीय उत्पादों की प्रतिष्ठा और स्टार्ट-अप्स का उदय

प्रोडक्ट के साथ प्रतिष्‍ठा को बही अब प्राथमिकता दी जा रहा है। देश मे बना हर एक प्रॉडक्ट भारत का ब्रैंड एंबेसेडर है। देश के सभी मैन्यूफैक्चर्स को ये समझना होगा कि आप जो प्रोडक्ट बाहर भेजते हैं वो आपकी कंपनी में बनाया हुआ सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं होता। उसके साथ भारत की पहचान जुड़ी होती है, प्रतिष्ठा जुड़ी होती है। हमने देखा है, कोरोना काल में ही हजारों नए स्टार्ट-अप्स बने हैं, सफलता से काम कर रहे हैं। कल के स्टार्ट-अप्स, आज के यूनिकॉर्न बन रहे हैं। इनकी मार्केट वैल्यू हजारों करोड़ रुपए तक पहुंच रही है।

डिजिटल लोकतंत्र: भारत में नए व्यवसाय और अवसर

डिजिटल लोकतन्त्र देश वासियो के लिए नई संभावनाओ के द्वार खोलेगा जैसे : आउटसोर्सिंग व्यवसाय, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) उद्योग, को-वर्किंग स्पेस का व्यवसाय, ) 3D प्रिंटिंग, उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं का व्यवसाय, अचल संपत्ति में व्यापार, हेल्थकेयर उद्योग, कंसल्टेंसी व्यवसाय, अक्षय और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति, लास्ट माइल डिलीवरी सॉल्यूशन व्यवसाय, मोबाइल वॉलेट भुगतान समाधान, होम सोलर एनर्जी सेट अप व्यवसाय, ई-कॉमर्स के लिए वेयरहाउस या इन्वेंटरी प्रबंधन, भारतीय संस्कृति ई-कॉमर्स स्टोर, इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण व्यवसाय, सामुदायिक जनरेटर, सहयोगात्मक अर्थव्यवस्था व्यवसाय, बॉयोमीट्रिक सेंसर उत्पादन, साइबर हमले से रोकथाम का व्यवसाय, स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटलीकरण और साझा करने का व्यवसाय, गगनचुंबी ग्रीन इमारत, P2P लेंडिंग (हर कोई ऋण के लिए बैंक का उपयोग नहीं करना चाहता या कर सकता है)