“ए-हवा क्या कसम खाई हो, तुम भी भला कभी दरिया को बहने से रोक पाई हो”।
यह उन तमाम लोगो के लिए करार जवाब है, जो परमाणु आपूर्ति समूह (NSG) में शामिल ना होने पर, हम पर तंज कस रहे थे।
बेशक हमारी कौशिश फ़िलहाल परमाणु आपूर्ति समूह (NSG) में शामिल होने में नाकाम रही हो, लेकिन हमने सोमवार को मिसाइल टेकनोलोजी (MTCR) में शामिल हो कर अंतराष्ट्रीय स्तर पर हड़कंप मचा दिया है।
ऐसा नहीं है कि भारत पहली बार इन समूह में प्रवेश के लिए कोशिश कर रहा है, यह कोशिशें तो सदियों से चली आ रही है। फिर सरकार चाहे किसी की भी हो, मगर यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के अथक प्रयास का ही परिणाम है कि हमे दो महत्वपूर्ण वैश्विक समूह शंघाई सहयोग संगठन(SCO) तथा मिसाइल टेकनोलोजी (MTCR) की सदस्यता प्राप्त करने में सफल हुए हैं।
मिसाइल टेकनोलोजी (MTCR) में शामिल होने के बाद अब हम हाई-टेक मिसाइलों को बिना किसी अड़चन के एक्सपोर्ट कर सकते हैं, अमेरिका से ड्रोन भी खरीद सकते हैं तथा अपनी मिसाइल दुसरे देशों को बेच भी सकते हैं। MTCR में कुल 34 मिसाइल निर्यात देश शामिल है तथा हमने इस समूह में 35वे सदस्य के रूप में सदस्यता हासिल की है। इस समूह में फ़्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, अमरीका, इटली और कनाडा जैसे सशक्त देश इसके संस्थापक सदस्य रहे हैं। 2004 में बुल्गारिया को इसका सदस्य बनाया गया था, उसके बाद किसी नए देश को यह मौका प्राप्त नहीं हुआ।
मिसाइल टेकनोलोजी (MTCR) में शामिल होने से हमे कितना फायदा प्राप्त होगा यह तो पड़ोसी मुल्को की बौखलाहट ही साबित कर रही है। अगर में यह कहूँ की माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में आने वाले समय में भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप में वैश्विक स्तर पर जाना जाएगा तो यह भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। वर्तमान भारतीय सरकार ने भारत के सालों पुराने सपने को साकार किया है, और आगे भी कई सपने साकार करती रहेगी।