मोदी सरकार- साहसिक निर्णयों के नौ वर्ष

कैलाश विजयवर्गीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साहसिक निर्णयों, धरातल पर ईमानदारी से योजनाओं का क्रियान्वयन, लाभार्थियों से सीधे संवाद, भष्ट्राचार के विरोध में अभियान, आपदा को अवसर में बदलने, जातिवादी और वंशवादी दलों पर प्रहार करके देश की राजनीति बदल दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीतिक हानि-लाभ की चिंता किए बिना राष्ट्र सर्वोपरि है मंत्र को साकार करते हुए त्वरित निर्णय लेकर दुनियाभर में देश की गरिमा स्थापित की है। दुनियाभर में भारत की छवि तेजी से विकसित होते, समर्थ, सशक्त और सक्षम राष्ट्र की बनी है। विश्व की बड़ी महाशक्तियों को प्रधानमंत्री की नीतियों ने प्रभावित भी किया है। कोरोना महामारी में आपदा को अवसर में बदलते हुए प्रधानमंत्री की नीतियों, कार्यों और योजनाओं के कारण भारत विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बना है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, संगठन के महामंत्री, गुजरात के मुख्यमंत्री, वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री के तौर पर उनका जीवन और कार्य हमें प्रेरणा देता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पहली बार किसी गैरकांग्रेसी दल को 1984 के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार अपने दम पर बहुमत मिला। मोदी सरकार की जनहितैषी योजनाओं, आतंकवादी घटनाओं पर अकुंश लगाने, देश में शांति का वातावरण तैयार करने, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, नक्सलियों की कमर तोड़ने, दुश्मनों को उनके घर में तबाह करने के कारण उनके नेतृत्व में 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता ने भाजपा के 303 सदस्यों को चुनकर भेजा। भाजपा आज विश्व में सबसे बड़ा राजनीतिक दल है।

स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रभावित नरेंद्र मोदी जब किसी कार्य को करने को बीड़ा उठाते हैं तो असंभव को संभव करने की दिशा दिखाते हैं। इसी कारण 130 करोड़ देशवासी और करोड़ों कार्यकर्ता उनमें भारत को विश्वगुरु के पद पर स्थापित करने की क्षमता देखते हैं। मोदीजी केवल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह गरीबी हटाओ का नारा नहीं देते, वे गरीबों के कल्याण, उत्थान और आर्थिक विकास को धरातल पर साकार रूप देते हैं। यह अलग बात है कि मोदीजी के नारे, विचार, कार्य और योजनाएं विरोधी दलों के नेताओं को विचलित करते हैं। इसी कारण राजनीतिक हताशा के कारण पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के अड्डे नेस्तनाबूद करने वाली सर्जिकल स्ट्राइक के प्रमाण मांगने पर अड़े कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को अमेठी की जनता ठुकरा देती है।

मोदीजी ने पहली 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही मोदीजी ने जन कल्याण के लिए योजनाओं की शुरुआत की। मोदीजी के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही देश की नौकरशाही अपने रवैये को बदलना पड़ा। ऊपर से लेकर नीचे तक तेजी से कार्य होने लगे। भ्रष्टाचार पर लगाम लगी। 8 नवंबर 2016 को एक हजार और पांच सौ के नोट बंद करने की घोषणा से देश में कालाधन जमा करने वालों पर बड़ा आघात किया गया। आतंकवादियों और नक्सलियों की ढांचा चरमरा गया। 2016 में जारी किए गए दो हजार के नोट का चलन बंद करने की घोषणा का असर भी कालेधन पर प्रहार है। नोटबंदी के बाद ऑनलाइन लेन-देन को बढ़ावा मिलने के कारण कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान लोगों को परेशानी नहीं हुई।

नोटबंदी की घोषणा से पहले 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने 16 सितंबर 2016 को कश्मीर के उरी में सेना शिविर में सोये हुए 18 जवानों की शहादत का बदला पाकिस्तान में घुसकर में लिया था। भारत के जवानों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तीन किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। यह पाकिस्तान को बड़ा सबक था। तमाम अंतरराष्ट्रीयों मंचों पर पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई थी।

14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 78 वाहनों के काफिले को आतंकवादियों ने विस्फोट कर निशाना बनाया था। तब प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को विश्वास दिलाया था कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और गुनहगारों को सजा जरूर दी जाएगी। पुलवामा हमले के ठीक 12 दिन बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 विमानों ने रात को नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के पूर्वोत्तर इलाके खैबर पख्तूनख्वाह के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके 300 आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। इन दो साहसिक निर्णयों से भारतीय सेना का शौर्य विश्व के सामने आया। सेना को मजबूत बनाने के लिए 16 जून 2022 को अग्निपथ योजना की घोषणा की गई। इसके तहत थल सेना, नौसेना और वायु सेना में अग्निवीरों की भर्ती हो रही है। विपक्ष की हायतौबा मचाने के बावजूद देश के युवा सीमाओं की रक्षा के लिए आगे आ रहे हैं।

5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने ऐतिहासिक और साहसिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किया था। केंद्रीय गृहमंत्री ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया था। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर केंद्र शासित विधानसभा वाला प्रदेश बना और लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित क्षेत्र बन गया। इस साहसिक कदम से एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे का नारा देने वाले जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का शिलान्यास किया। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से हो रहा है। 10 जनवरी 2020 को मोदी सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता संशोधन कानून लागू किया गया। मोदी सरकार ने बड़ा आर्थिक सुधार करते हुए 1 अप्रैल 2020 को 10 सरकारी बैंकों का चार बड़े बैंकों में विलय किया गया।

इसी तरह 1 जुलाई 2017 को एक देश, एक कर व्यवस्था के लिए जीएसटी लागू की गई। 19 सितंबर 2018 तो मुस्लिम महिलाओं की तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मुक्ति दिलाई गई। मोदी सरकार ने तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं के लिए गुजरा भत्ता भी दिलाया। मोदी सरकार के साहसिक निर्णयों की तरह की गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं, बुजुर्गों, अनुसूचित जाति-जनजातियों, पिछड़ों, अति पिछड़ों के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं की लंबी सूची है। मोदीजी ने साहसिक निर्णयों के साथ ही सबका साथ, सबका विकास के साथ ही सबका विश्वास प्राप्त किया है।