Kailash Vijayvargiya blogs Need a connoisseur of vision to assess Modi ji - Kailash Vijayvargiya Blog
kailash vijayvargiya kailash vijayvargiya
Nadda ji

Need a connoisseur of vision to assess Modi ji

मोदी जी का मुल्यांकन करने के लिए पारखी दृष्टि की ज़रूरत हैं।

प्रायः लोग अपने लक्ष्य की डगर पर बढ़ते नज़र आते हैं। पर सबके सब तो सफल नहीं होते हैं। तो व्यवधानों और कठिनाइयों से आहत होकर, राह छोड़ किनारे खड़े हो जाते हैं। कोई बुरी बात नहीं। पर ऐसे खड़े कुछ लोग कुंठावश, अन्य कर्मठ लोगों पर पत्थर फैकने लग जाते हैं। दूसरों की राह में कांटे बोन लग जाते हैं। ऐसी विकृति प्रशंसनीय तो नहीं हो सकती।

हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी पूरी निष्ठा, कर्मठता व स्पष्ट दृष्टि के साथ देश के विकास और हर आम-ओ -खास के हित का लक्ष्य लेकर बढ़ रहे हैं। उन पर भी कुंठित राह खड़े कुछ लोग पत्थर उछालने का प्रक्रम कर रहे हैं। उनके खिलाफ यहां तक बोला गया कि, वे देश को युद्ध कि ओर धकेल देंगे।

अजीब विडम्बना हैं, जिन्हें देश ने अपना विश्वास सोपा हैं, और जिनका ध्यान केवल और केवल देश के 1.35 अरब नागरिकों की सुख सुविधाओं पर केन्द्रित हैं, उन्हें भला ख़याल भी क्यों आएगा, देश का ध्यान गैर जरूरी स्थितियों की ओर बांटने का।

यह प्रधानमंत्री जी की स्पष्ट, सटीक और मानवीय सोच का नतीजा है की सरकार संपुर्ण विवेक के साथ गतिमान हैं। पहले हमें अपने दस्तावेजों का प्रमाणीकरण गजेटेड अधिकारी से कराना होता था। इस प्रक्रिया में कहां कहां कितने धक्के खाना पड़ते थे, उसकी पीड़ा हम सबने भुगती हैं। मोदीजी ने इस पीड़ा से मुक्ति दिलाई। इधर रेलवे के एक स्टेशन पर तबियत ख़राब होने का ट्वीट किया गया, की आगे के स्टेशन पर डॉक्टर नर्स सब इलाज के लिए हाज़िर मिले। एक ट्वीट पर आपकी समस्या का समाधान। कितनी सुखद और परिवर्तित व्यवस्था हमें मिल रही है।

मोदी सरकार समस्या के समाधान में जी जान लगाती हैं। तुरंत एक्शन लेती हैं। विगत सरकार की तरह हाथ खड़े नहीं कर देती, कि हम महँगाई भ्रष्टाचार आदि पर काबू करना हमारे बस में नहीं है। मौजूदा सरकार द्वारा डिजिटलाइज़ेशन व अन्य तरीकों से भ्रष्टाचार के मार्ग को पूर्णतः सील करने की प्रक्रिया जारी हैं। जबकि दूसरी तरफ आम उपयोगी वस्तुओं के दाम गिरने संबंधी समाचार लगातार अखबारों में देखे जा रहे हैं। समझना यह भी ज़रूरी है की हर समस्या के समाधान होने की प्रक्रिया में सामान्य समय लगता है। ऐसे में हमसे थोड़े धैर्य की अपेक्षा भी ज़रूर की जाती है।

मोदी जी की विदेश यात्राएँ कोई यूँ ही नहीं हैं। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर सरकार की पैनी नज़र हैं। अभी समाचार था सरकार ने अमेरिका से सामरिक संधि की। विशेषज्ञों की माने तो इससे देश की शक्ति और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव बढ़ा है। मोदी जी ने देश की छवि और अपने व्यक्तित्व को दुनिया के समक्ष इतने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया कि आज विश्व भारत की तरफ उम्मीद भरी दृष्टी से देख रहा हैं।
मोदी जी के मूल्यांकन के लिए जौहरी वाली पैनी दृष्टी जरुरी हैं। संत ने अपने शिष्य को कांचनुमा टुकड़ा देकर बोला, इसे ५ रुपये में बेचकर आओ। शिष्य एक सब्जीवाले के पास गया। उसने कीमत 8 आने लागई। फिर कपड़ा व्यापारी ने एक रुपय लगाई। ५ रुपय किसी ने नहीं लगाई। शिष्य वापस गुरु के पास आया और पूरी स्थिति बताई। गुरु ने बोला दो गली छोड़कर दुकानों में इसकी कीमत लगवा कर वापस आओ। शिष्य वहं गया, वहां दुकानदारो ने कीमत १० रुपये, १५ रुपये और इससे अधिक लगाई। शिष्य प्रसन्नता से वापस आया। गुरु ने बोला यह हिरा हैं। इसकी कीमत जोहरी ही जानता हैँ। इस सरकार और मोदी जी का मुल्यांकन करने के लिए हम सब को जोहरी वाली पारखी दृष्टि की ज़रूरत हैं।