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Nadda ji

“Ibar Bungalow” – Now times West Bengal

“इबार बंगला ”- अबकी बार पश्चिम बंगाल

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह संगठन को मजबूत बनाए रखने हेतु लगातार दौरे कर रहे हैं और अभी भी वे तीन दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल प्रवास पर थे।

पश्चिम बंगाल विधानसभा सीटों के लिए हुए उप-चुनाव के नतीजों में भाजपा का वोट प्रतिशत भारी संख्या में बढ़ा है। राष्ट्र विरोधी ताक़तों को संरक्षण व वोट बैंक की राजनीति करने वाली तृणमूल सरकार ख़िलाफ़ लोगों में गुस्सा है और वे अब भाजपा में ही अपना विकल्प ढूंढ रहे हैं।

25 अप्रैल –

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जी  ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी के एक छोटे गांव से पार्टी के विस्तार अभियान का शुभारंभ किया। इसी इलाके से 1960 के दशक के आखिरी बरसों में वामपंथी उग्रवाद शुरू हुआ था।

श्री अमित शाह ने मंगलवार को दार्जीलिंग जिले में एक आदिवासी परिवार के घर पर दोपहर का भोजन किया। शाह ने नक्सलबाड़ी इलाके के दक्षिण कटियाजोत गांव में राजू महाली के घर भोजन किया, एक सामान्य से दिखने वाले परिवार का आतिथ्य, प्रेम और उत्साह से भरपूर था।अमित शाह जी के साथ पश्चिम बंगाल भाजपा के सभी बड़े कार्यकर्ता मौजूद रहे।

जिसके उपरांत श्री अमित शाह ने बूथ नंबर. 93 में माँ भारती, श्री श्यामा प्रसाद मुख़र्जी एवं पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के चरणों में वंदन कर, कार्यकर्ताओं की बैठक ली। माननीय अमित शाह जी ने इंदूर स्टेडियम, सिलीगुड़ी में जनता को संबोधित भी किया।  

नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है; जहाँ देखो वहां केवल गरीबी ही नज़र आती है। जनता की माने तो तृणमूल नेता वादे तो काफी बड़े बड़े करते  है, जब वो वोट मांगने आते  हैं। परन्तु उसके बाद कभी दिखाई नहीं देते। यहाँ इन ग़रीबों की समस्याओं को सुनने वाला यहाँ कोई नहीं हैं।

26 अप्रैल –

श्री अमित शाह न सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले बल्कि उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों से भी सहर्ष भेंट की।

जब मैने पश्चिम बंगाल के भवानीपुर में, माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी के साथ बूथ कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और इसके साथ ही क्षेत्र के निवासियों से घर-घर जाकर भेंट की तो इस दौरान यह देखकर बहुत दुःख, अफ़सोस तथा रोष हुआ कि…

ममता बनर्जी, जो कि बंगाल की मुख्यमंत्री और भवानीपुर की विधायक भी हैं,

उनके खुद के क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएँ तक यहाँ उपलब्ध नहीं है।

भवानीपुर की जनता सरकार की अनदेखी से त्रस्त आ चुकी है। जहाँ भी गया वहां पर समस्याओं का अंबार देखने और सुनने को मिला। तृणमूल सरकार केवल तुष्टिकरण की राजनीति करने व्यस्त है, उन्हें जनता की कोई प्रवाह नहीं है। अगर मुख्यमंत्री के स्वयं के क्षेत्र की यह दुर्दशा है तो आप पूरे राज्य का अनुमान लगा पा रहे होंगे।  

 

न्यू टाउन, राजारहाट, कोलकाता में हमने माननीय अमित शाह जी के साथ घर घर जा जाकर रहवासियों से मुलाक़ात की…साथ ही हम सभी के प्रेरणास्त्रोत… शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ॰ श्यामाप्रसाद मुखर्जी के निवास स्थान “आशुतोष मुखर्जी स्मारक संस्थान” में माननीय अमित शाह जी के साथ जाने का अवसर प्राप्त हुआ।

पार्टी इस साल दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष मना रही है और इस साल को पार्टी ने विस्तार कार्यक्रम के रूप में भी मनाने का फैसला किया है। जिसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल से की गई; जहाँ राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी के 3 दिनों के प्रवास में बीजेपी की विचारधारा, गरीब कल्याण की प्रतिबद्धता और सबका साथ, सबका विकास नारे के बारे में लोगों को बताया ।

Religion teaches love, not suffering

धर्म प्रेम करना सिखाते हैं, कष्ट देना नहीं।

“पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय।”

प्रेम विस्तार है, स्वार्थ संकुचन है। जीवन का सिद्धांत प्रेम है, वह जो प्रेम करता है, वही जीता है और वह जो स्वार्थी है मर रहा है। तो प्रेम के लिए प्रेम करो, आज के आपाधापी भरे जीवन में प्रेम के प्रभाव को समझना और प्रेम के भाव को जीवन में आत्मसात करना सुकूनकारी ही होगा।

प्रेम के प्रभाव को दो पौधों के प्रयोग से समझें। दो समान पौधे चुनकर लगावें, दोनों को खाद पानी एक सा देवें, एक पर ज्यादा ध्यान इस तरह दें कि उसको दुलरावें, पुचकारें, उससे थोडी देर बात करें, थोड़ी अपनी सुनायें, थोड़ी उसकी सुनें। कुछ समय बाद आप यह देख हैरान हो जाएंगे कि जिस वृक्ष की ओर ध्यान दिया है वह दुगुनी गति से बढ़ गया, जल्दी फूल आ गए, बड़े भी हो गए. जो उपेक्षित रहा वह कमजोर रह गया। यह हुआ दोनों को दिए गए प्रेम में फर्क के कारण । ऐसा है प्रेम का प्रभाव, वैज्ञानिक प्रयोग द्वारा यह सब सिद्ध हो चुका है।

यही सत्य हमारे भीतरी भाव का, भीतरी प्रेम का है। जिस भाव को बढ़ाना है उस पर ध्यान दो। सभी धर्म भीतरी प्रेम ही सिखाते हैं। प्राणी मात्र से प्रेम करना सिखाते हैं, जहां अहम के लिए कोई जगह न होवे। ऐसा प्रेम दूसरों को सुख देता है, प्रेम में व्यक्ति अपने किसी काम से दूसरों को दुखी नहीं करता।

हमारे देश की संस्कृति सतरंगी है। भिन्न धर्म के लोग यहाँ धार्मिक परम्पराओं को प्रेम-पूर्वक मिल जुलकर पूरे जोश से मनाते हैं, दिन में लाउडस्पीकर का भरपूर उपयोग भी करते हैं। किसी को कोई कष्ट नहीं, पर यदि सुबह पांच बजे से ही विभिन्न धर्मावलम्बी अपने धर्म स्थल, या घर पर तेज आवाज में लाउड स्पीकर से कुछ भी बजाते हैं तो इसके व्यापक प्रभाव को भी समझना जरूरी है। कोई थक कर देर से सोया है, कोई बीमार है, बुजुर्ग को तकलीफ है, बच्चों की परीक्षाएं है, वे जल्दी उठकर पढ़ रहे हैं तो शायद इन्हें कोई तेज आवाज उस वक्त ठीक नहीं लगेगी। यानी ऐसे प्रसारण का प्रभाव सापेक्षिक होगा। किसी को वह सुहाएगा तो किसी के लिए वह कष्टकारी होगा।

धर्म कष्ट देना नहीं सिखाते। भगवान भी प्रेम से प्रसन्न होते हैं। चाहे किसी भी उद्देश्य से हो कम से कम देर रात में जोर की आवाज में ही अर्चना की जाए जरूरी नहीं। भक्ति और प्रेम अन्दर का मामला है, तो फिर बेवक्त बाहरी आडम्बर क्यों। धर्म में अहंकार भी बीच में नहीं आना चाहिए। अहम ही, हमारी अकड़ ही हमें सच्चाई से दूर करती है। जब कि धर्म सिखाते हैं, जहां तक हो सके हम सच को स्वीकारें। ऐसे में यदि कोई कष्टकारी सच है तो ऐसी असुविधाजनक परिपाटियों पर सभी धर्मावलम्बी कम से कम विचार, चर्चा करने की पहल करने में कोताही क्यों करें !

Gentleman is the person who is like a shield

सज्जन जन वही है जो ढाल सरीखा होय

पाँच राज्यों में चुनावी गहमा-गहमी शांत हुई या कहें चुनावी समर समाप्त हुआ।
भाजपा को प्रशंसनीय जीत हासिल हुई।

उत्साहवर्धक इस जीत ने साबित कर दिया कि हमारा दल अब तक के सबसे मज़बूत हाथों में सुरक्षित है,
माननीय मोदी जी एवं माननीय अमित शाह जी की दूरदृष्टि, संगठनात्मक कौशल, उनका साहस, उनके प्रेरणात्मक कदमों ने भाजपा के लिए जीत को जीत लिया।

गौर करने वाला तथ्य है कि कठिन राज्यों में नित नए सोपान चढ़ रही भाजपा ये बुलंदियां यूँही नहीं छू रही, इसके लिए हमने अपने वैचारिक धरातल पर खड़े होकर गहन तैयारी की है, पूरे दल ने पसीना बहाया है।

मैं माननीय मोदी जी एवं माननीय अमित शाह जी से प्रेरणा लेने और आगे हमारी गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से कुछ तथ्य आपके साथ साझा करना चाहूँगा।

माननीय मोदी जी एवं माननीय अमित शाह जी के साहसी सद्प्रयासों से भाजपा ने वर्षों से चली आ रही इस अवधारणा को ध्वंस्त कर दिया कि देश में जाति-धर्म, परिवार आधारित राजनीति ही कामयाब होती है। इस तरह वे देश की राजनीति को ऊँचे पायदान पर लाने में सफल रहे हैं।

उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड के अलावा मणिपुर और गोवा के मतदाताओं ने हमें अभूतपूर्व समर्थन देकर यह साबित कर दिया है।

माननीय मोदी जी एवं माननीय शाह जी ऐसे सेनापति हैं जो मैदान में मोर्चा संभाल लेते हैं। वे जीत का श्रेय ले सकते हैं तो पराजय की जिम्मेदारी लेने से भी नहीं घबराते। उनका यही जज्बा उन्हें विजयी ही बनाता है।

वे जान की बाज़ी लगाकर भी अपना लक्ष्य हासिल करने से नहीं चूकते, वाराणसी में तीन दिन डेरा जमाकर माननीय मोदी जी ने यह साबित कर दिया। यह मोदी जी की नैतिकता और जुनून ही है कि कुछ विपक्षियों एवं अन्यों द्वारा आलोचना के उपरांत भी, अपने चुनाव क्षेत्र में उन्होंने पूरा जोर झोंक दिया, अपने लक्ष्य में वे सफल रहे, इससे आलोचकों के मुंह सिल गए। अगर वे ऐसा न करते तो वे पार्टी के अन्य अगुओं को भीअपने क्षेत्र में बेहतर परिणामों के लिए कहने का साहस कैसे करते।

मोदी जी अपने दल की और देश की छोटी से छोटी समस्या से लेकर बड़ी-बड़ी समस्याओं के प्रति आँखें और दिमाग खुला रखकर त्वरित निर्णय लेते हैं। इसीलिए उनकी ईमानदार, कर्तव्य परायणता पर देश का अटूट विश्वास, दिन पर दिन ज्यादा पुख्ता हुआ है।

माननीय मोदी जी एवं माननीय शाह जी की प्रेरणा से हमें विश्वास हो गया है कि भाजपा में छोटे से छोटा कार्यकर्ता भी भाजपा ही है। हर कार्यकर्ता अपने दल के प्रति पूरी तरह समर्पित है, यही हमारी ताकत है।

ये सभी सच्चाईयाँ हममें नए जोश का संचार करने और आगे आने वाले चुनावों के लिए दिशा देने वाले हैं, तो आओ! हम सभी माननीय मोदी जी एवं माननीय शाह जी के साथ देश के विकास के लिए पूरी शक्ति से आगे बढ़ें और भाजपा को और ज्यादा मजबूत कर बहुत आगे ले जाएँ।

माननीय मोदी जी एवं माननीय शाह जी के लिए यही कह सकते हैं कि:

सज्जन जन वही है जो, ढाल सरीखा होय।
दुःख में वो आगे रहे, सुख में पाछे होय॥

Happy Birthday on Ram Birthday

राम जन्म दिवस पर हार्दिक बधाई

मंगलकरण अमंगलहारी भगवान श्रीरामजी का विरद है, उनका स्वभाव है दीन दुखियों का कष्ट हरना, उनके दुःख दूर करना। शर्त है केवल आप मन वचन कर्म से शुद्ध, छल छिद्र रहित होवें। ऐसे कृपानिधान भगवान श्रीरामजी के प्राकट्य दिवस रामनवमीं पर सभी विश्वबंधुओं को बहुत बहुत बधाई, शुभकामनाएँ। भगवान रामजी सभी का जीवन शांति, आनंद और प्रेम रस से भरपूर सुखमय बनावें।
विश्वास रखें यदि रामजी से दिल की गहराई से सहज याचना करेंगे तो वे जरूर एवम्अस्तु(ऐसा ही होवे) ही कहेंगे। आपकी कामना अवश्य पूरी करेंगे। इस सन्दर्भ में ऋषि मनु और शतरूपा का उदाहरण दृष्टव्य है। मनु और शतरूपा ने प्रभु जैसा पुत्र प्राप्त करने की कामना से तप किया। भगवान के सामने ह्रदय की सच्ची कामना यथा रूप में बिना कोई मुखौटे के, बिना दिखावे के रख दी। उन्होंने कहा….

“दानी शिरोमणि कृपानिधि नाथ कहहुं सति भाउ
चाहहूँ तुम्हहि समान सुत प्रभु सन कवन दुराउ”

मनु ने कहा हे दानियों में शिरोमणि ! हे कृपानिधान! हे नाथ! मैं अपना सच्चा भाव कहता हूँ, मैं आपके समान पुत्र चाहता हूं, प्रभु आपसे भला क्या छिपाना।
ऐसी सरल ह्रदय प्रार्थना में प्रभु समान पुत्र चाहा गया। दोनों भक्तों की निर्मलता से अभिभूत प्रभु के मुंह से केवल यही निकला “एवमस्तु”। इतना ही नहीं भगवान ने कहा मेरे जैसा कोई हो ही नहीं सकता, इसलिए भगवान ने स्वयं को ही अर्पित कर दिया। समय आने पर मनु-शतरूपा ही कौशल्या-दशरथ हुए और भगवान विष्णु उनके पुत्र बन रामजी के रूप में प्रकट हुए।

भगवान् रामजी को निर्मल मन जन पसंद हैं। बिना छल कपट के सहजभाव से प्रभु राम की शरण होवें, वे आपको अपनाएंगे, प्रसन्न होंगे, आपके दुःख दर्द जरूर दूर करेंगे। आइए ! रामनवमीं के पावन अवसर पर श्रीरामजी की शरण होवें और उनकी कृपा प्राप्त करें। जय श्री राम !

Martyrs Day

शहीद दिवस

कुछ और हमारे खून में हो न हो,
बस प्यार देश का जरूर होना चाहिए.

देश के प्रति सच्चा प्यार ही देश की प्रगति के लिए जरूरी है. यही तो वह प्यार है जो देश के लिए जान भी कुरबान करने हेतु हमें तैयार कर देता है. हमारे देश के लिए अपनी जान न्योछवर कर देने वाले सच्चे देशभक्त शहीदों की याद में ही आज हम देशभर में शहीद दिवस मना रहे हैं. मैं देश के उन सभी वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अथवा देशसेवा या समाजसेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी.

देश के लिए कुर्बान हो जाने वाले क्रन्तिकारी वीर शहीद सुखदेव, भगतसिंह, राजगुरु ने २३ मार्च १९३१ को संध्या समय हंसते हंसते फांसी के फंदे को गले लगा लिया था. देश की आजादी के लिए दी गई उनकी अमर कुर्बानी की याद में ही हम इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं.

शहीद भगतसिंह की प्रेरणादायी अदभूत यह मान्यता देखें- कि जिस दिन भारतवासियों में शहीदों जैसी त्याग भावना आएगी, उस दिन सही अर्थों में देश आज़ाद और प्रगतिशील होगा. वे हरदम कहा करते थे कि देश में जड़ता और निष्क्रियता को तोड़ने के लिए क्रांतिकारी विचार और भाव जगाना जरूरी है. क्रांतिकारी भाव यानी हम देश में पीड़ितों के हित के लिए खुद को समर्पित करें. देश और देशवासियों के प्रति हम अपने कर्तव्यों का सच्चाई से पालन करें. ऐसा होने पर ही देश में सच्ची आज़ादी होगी.

आज के परिप्रेक्ष्य में अर्थ यह है कि देश में जो भी सरकार हो उसे जड़ता और निष्क्रियता दूरकर लोकहित के लिए समर्पित होना चाहिए. इधर हम लोगों का भी कर्तव्य है कि हम स्वानुशासन में रहकर देश सेवा हेतु अपना सौ टका प्रयास करें. यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी मौजूदा भाजपा सरकार ऐसी सभी कसौटियों पर खरी उतर रही है. सुखद है कि जनता भी यह स्वीकार करती जा रही है. और खास बात – जनता भी सबके साथ देश का विकास का महत्व समझ रही है. उसमें देश के समग्र विकास के प्रति जाग्रति आ रही है.

सार यह है कि देश के लिए मरना जरूरी नहीं है. उसके लिए समर्पण भाव से जीना जरूरी है. आप जो भी काम करते हैं, वो शहीद भाव से देशहित और समाजहित में करें. अपने स्वार्थ भाव को गौण कर त्याग और समर्पण का भाव पैदा करें. भाव, विचार बदलने से कर्म बदल जाते हैं. तो विचार बदलें, देश हित में और देश सेवा में अपना शतप्रतिशत देवें. शहीद दिवस पर देश के शहीदों को यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

हम बनें हैं देश के योगी, करें हम ध्यान भारत का
उठाकर हाथ में झंडा, करें विकास भारत का,

Om Namah Shivaay

ॐ नमः शिवाय

आदिदेव भोलेनाथ शिव संग, आदि शक्ति माँ पार्वती के पवित्र मिलनपर्व महाशिवरात्रि पर सभी को हार्दिक बधाई।

शिव पुराण की विधेश्वर संहिता अनुसार यह पर्व साधकों को इच्छित फल देने वाला है।
पुराणों के अनुसार यह भी बताया गया है कि फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी की इसी पावंन महारात्रि में भगवान भोलेनाथ निराकार से पहली बार ज्योति स्वरूप प्रतीक लिंगरूप में प्रकट हुए।

जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि इनका पूजन सर्वप्रथम भगवान ब्रम्हा और भगवान विष्णु ने किया।
इस कारण यह तिथि महाशिवरात्रि के नाम से जानी जाती है।

इस रात्रि में भगवान शिव का रूप उनके भक्तों के लिये कल्याणकारी और फल प्रदायक है।

इस रात्रि में जिस किसी की जिव्हा पर ॐ नमः शिवाय का जाप विद्यमान होता है उसे मनवांछित फल की प्राप्ति अवश्य होती है।
तो आइए ‘ॐ   नमः शिवाय’ के जाप का हमारे जीवन पर होने वाले चमत्कारी प्रभाव को समझें एवं जाप द्वारा जीवन सफल बनावें।

यह जरूर ध्यान में रखें कि आदि षडाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का प्रतिपादन भगवान शिव ने स्वयं किया है और ब्रम्ह्स्वरूपधारी भगवान शिव ही इसमें प्रतिष्ठित हैं, अतः ॐ नमः शिवाय के जाप से हम देहधारियों के सारे मनोरथ सिद्ध होते हैं।

यह जाप हमें ध्यान अवस्था में लाने में मदद करता है।
इस ध्यान अवस्था से हमारे मन एवं शरीर का शुद्धिकरण होता है और तदनुसार हमारे कर्म शुद्ध होते हैं।

इस मंत्र के सुप्रभाव को वैज्ञानिक और सरल तरीके से समझें।

“ॐ नमः शिवाय में सर्वप्रथम प्रणव ॐ है”

ॐ    में साक्षात ब्रम्ह समाए हैं। इन ब्रम्ह को महसूस करने अपनी नाभि की गहराई से ॐ    का नाद प्रारंभ करें, धीरे धीरे तालू और कपाल तक लाकर इसे बाहर निसृत करें। इससे शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है, इसे आप स्वयं ऊर्जा एवं शांति महसूस करेंगे।

“मंत्र का दूसरा भाग नमः शिवाय है”

ये पंचाक्षर प्रकृति में मौजूद पंच तत्वों के प्रतीक हैं। इन पंचाक्षरों से हमारे शरीर के ज्ञान केन्द्रों को जागृत किया जा सकता है। इस तरह ये पंचाक्षर पूरे शरीर तंत्र के शुद्धिकरण का बहुत शक्तिशाली माध्यम हैं, इनके जाप से हमारी कुण्डलिनी जाग्रत होती हैं।

जब तक कुण्डलिनी सुप्त हो इसकी ऊर्जा भी सुप्त ही रहती है। ॐ नमः शिवाय के जाप से इसमें हलचल होती है, फलतः इसकी ऊर्जा का प्रवाह संपूर्ण शरीर में तेजी से होता है और शरीर ऊर्जावान लेकिन शांत एवं शुद्ध होता है।
आइए हम सब मिलकर इस शिवरात्रि पर मन से जपें “ॐ नमः शिवाय”
शीश पे गंगा चन्द्र बिराजे ,शिव आराधन पाप से तारे
शिव में ही प्रभु-सार हैं सारे ,आओ मन से नाम उचारें

ॐ नमः शिवाय ,ॐ नमः शिवाय…

ॐ नमः शिवाय ,ॐ नमः शिवाय…

UP elections – Voting BJP so

यू पी चुनाव -वोट भाजपा को इसलिए

यू पी चुनाव -वोट भाजपा को इसलिए !

ईमानदारी से वादे पूरे करना भाजपा की तासीर में रची बसी मूल वृत्ति है। यह भी एक ऐसी विशेषता है जो अन्य दलों से इसे अलग करती है।

यदि केंद्र सरकार द्वारा पूरे किये जा रहे वायदे और कार्यों से यू पी के चुनाव घोषणा पत्र को जोड़ कर देखें तो ये घोषणाएं पूरी तरह विश्वसनीय नज़र आएँगी।

भाजपा सरकार ने 1 मई 2018 तक 18452 गांवों में बिजली पहुँचाने का लक्ष्य रखा था। इसकी वास्तविक समीक्षा करने वाले पोर्टल गर्व के मुताबिक लक्ष्य के दो तिहाई, 12033 गांवों का विद्युतीकरण पूरा हो गया है, इस मान से विद्युतीकरण का कार्य तय समय से आगे चल रहा है। तो फिर् पांच साल में 24 घंटे बिजली का वादा क्यों पूरा नहीं होगा?

यूपी में आज बिजली के हाल किसी से छुपे नहीं हैं। कांग्रेस के समय तो 2012 में देश के 62 करोड़ लोग अँधेरे में डूबे थे। क्योंकि बोगस कोल ब्लोक आवंटन के कारण कोयले का उत्पादन नहीं हो रहा था और कोयला, गैस की कमी के चलते 24000 मेगा वाट की क्षमता व्यर्थ पड़ी थी।

जहां तक समाज और लोक कल्याण की बात है तो भाजपा सरकार ही हरदम अग्रणी होती है, देखें बानगी – 
भिन्न तरीकों से एक करोड़ लोगों से गैस सबसिडी छुडवाई गई। इस बचत से लगभग दो करोड़ ग़रीब महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिए गए। आगे पांच करोड़ को देने की योजना है। ऐसी ही तर्ज पर हमारी राज्य सरकारें भी काम करती हैं।

विज़न और दूर दृष्टि के मामले में भी भाजपा बहुत आगे है। इसी की सोच का नतीजा है कि अब रेलवे के विकास के लिए इसी के रीयल एस्टेट का सदुपयोग किया जाएगा ताकि जनता पर भर न पड़े, सुविधा मिले। इस योजना के तहत एक लाख करोड़ रु से पब्लिक प्राइवेट पार्टिसिपेशन कर विश्व स्तर के रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 2015-16 में 37000 कि मी.सड़कें केवल 19200 करोड़ में बनी जो आज तक की सबसे सस्ती है। यह संकेत है कि यू पी में भाजपा सरकार आने पर वह अवश्य सड़कों का जाल बिछाएगी।

नोटबंदी के वक्त लगी कतारों को लेकर कुछ विरोधी पक्ष आज भी जो हाय तौबा मचा रहे हैं। वे भी इन तथ्यों को जरा समझ लें-

प्रामाणिक ख़बरों के अनुसार शुरूआती 50 दिनों में शेयर, सोना, चांदी आदि में हुए नुकसान की भरपाई 40 दिनों में हो गयी है। विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा देश में शुद्ध निवेश फरवरी में बढ़ा है। म्यूच्यूअल फण्ड जनवरी में 12 प्रतिशत बढ़ा है। नोट की कमी ख़त्म हो गई है। व्यापार,उद्योग भी बेहतर गति पकड़ रहे हैं।

सरकार के बजटीय प्रावधानों के कारण रीयल एस्टेट क्षेत्र प्रगति पर है। अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिलने से इस वर्ष 20 लाख नई यूनिट बनाने की सम्भावना है। इससे यू पी में भी रोजगार बढ़ेगा।

अब तक देश में नए जलमार्ग विकसित किसी ने नहीं किये। नदियों के रास्ते माल भेजना परिवहन मंत्री गडकरी जी चालू करवा चुके हैं। इससे प्रदूषण घटेगा सड़क निर्माण आदि का खर्च नहीं होगा। यू पी के लिए यह योजना बहुत लाभकारी होगी।

भाजपा का विज़न छोटे पर महत्वपूर्ण बदलावों से समझें- टोल नाकों पर फासटेग का प्रयोग शुरू किया जा रहा है, इससे टोल नाकों पर वाहनों का समय व् इंधन बचेगा। भाजपा का विज़न बताने का अर्थ यह है कि यूपी में भाजपा सरकार आने पर नए विज़न से इसका विकास होगा जैसा मौजूदा सरकारें कर ही नहीं सकती.

समय ,श्रम की बचत और भ्रष्टाचार नियंत्रण हेतु भाजपा ऑनलाइन सिस्टम को बढ़ावा दे रही है. सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार रोकने हेतु ही वर्ग 3-4 के लिए साक्षत्कार न लेने का प्रावधान किया है। मेरिट के अनुसार नियुक्ति मिलेगी।

जनधन योजना में खाताधारक को एक लाख का बीमा मुफ्त है,प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा 330 रु सालाना में है, तो घोषणापत्र अनुकूल कृषि मजदूरों को 2 लाख का बीमा क्यों नहीं मिलेगा?

जब देश की सिंचाई योग्य सारी भूमि,को सिंचाई सुविधा नेटवर्क में लाने का केन्द्रीय बजट में प्रावधान है तो 20000 करोड़ से यूपी के किसानों को सिंचाई सुविधाएँ क्यों नहीं मिलेंगी?

डेरी और मत्स्यपालन हेतु किसानों व् पशुपालकों को अवश्य सहयोग किया जाएगा। दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा 1500 कि. मी.का होगा। इससे यूपी को भी लाभ होगा। केन्द्रीय बजट में किसानों की आय दुगुनी करने की योजना है तो यू पी में किसानों की बेहतरी के लिए 20000 करोड़ से किसानों का विकास अवश्य होगा।

विद्यार्थियों, उद्योगपतियों, निम्न वर्ग और आमजन, किसानों सब के लिए किये गए वादों को भाजपा पूरे करेगी, कोई संदेह नहीं।

Army insults, Hindustan does not save

सेना का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।

देश की सुरक्षा के लिए जीवन न्यौछावर करने को हमेशा तैयार रहती है भारतीय सेना।
उसी सेना के सेना प्रमुख के बयान को तोड़ मरोड़ कर राजनैतिक मुद्दा बनाने की मूर्खतापूर्ण कोशिश करना, कांग्रेस की हताश मानसिकता का प्रमाण है।

सेना प्रमुख बिपिन रावत जी का बयान.. देश की सुरक्षा के लिए था। पूरा देश उनका समर्थन करता है।
अपने काले कारनामों से पहले ही गर्त में गिर चुकी कांग्रेस अगर इसे ही राजनीती समझती है, तो उसका कोई भविष्य नहीं है।
या फिर शायद, कांग्रेस के नेता, अपने बचकाने नेतृत्व और निरंतर मिलती हार से, अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
वजह जो भी हो, कांग्रेस के हथकंडे अब अक्षम्य होते जा रहें हैं, अब भी वक्त है, उन्हें राजनीती का अर्थ नहीं पता, तो फिर से पढ़ाई करें।

राजनीती देश की सेवा के लिए करो, खुद के स्वार्थ के लिए नहीं।  

जय हिन्द!

Politics of hate in Bengal

बंगाल में चल रही नफ़रत की राजनीति

पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार, एक धर्म विशेष को खुश करने के उद्देश्य से प्रदेश में तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है, जिसके भविष्य में परिणाम बहुत ही घातक साबित होंगे।

* पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से हिन्दुओं को भगाया जा रहा है, और प्रवासियों को संरक्षित किया जा रहा है। अगर इसके विरुद्ध अभी जागरूकता से कार्य नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब यह प्रदेश भी कश्मीर ही तरह हिन्दू विहीन कर दिया जाएगा।

* बंगाल की संस्कृति खतरे में है, लोगों को अपने धर्म का अनुसरण नहीं करने दिया जा रहा…और यह सब देख कर भी प्रदेश प्रशासन चुप है। तो इसका क्या अर्थ निकाला जाए? सरकार में बैठे लोग ऐसे उपद्रवियों को संरक्षण दे रहे हैं।

* वोट की राजनीति करने में ममता जी इतनी गिर चुकी हैं, कि वे माँ और मनुष्य की बजाये, Money और मुसलमान की ही चिंता कर रही है।

* देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की ओर जब मोदी जी ने नोटबंदी जैसा बड़ा कदम उठाया, तो सबसे ज्यादा पेट दर्द केवल ममता दीदी को ही हुआ। क्यों? क्योंकि देश में सबसे अधिक हवाला का पैसा और नकली नोट बंगाल के रास्ते ही भारत में आते है, जो की TMC की कमाई का बड़ा ज़रिया है।

* मोदी जी के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने के लिए ममता जी ने दुश्मनों को भी दोस्त बना लिया, रैलियां निकली, फ़तवे जारी करवाऐ…लेकिन मोदी जी का बाल भी बांका न कर सकी। बल्कि मोदी सरकार में जनता की विश्वसनीयता और बढ़ी, और लोगों ने खुले दिल से मोदी जी का धन्यवाद किया।

* बंगाल में ज़रूरत है, लोकतंत्र को बचने की…बंगाल की संस्कृति और संस्कार को बचने की, और यह बीड़ा उठाया है भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने। क्योंकि बंगाल पुलिस तो स्वयं की रक्षा करने में असफल हैं, तो जनता की रक्षा कैसे करेगी। हमारे रहते अब यह अन्याय नहीं होगा, हिन्दू मुसलमान की राजनीति नहीं सहन की जाएगी। बंगाल के संस्कार और संस्कृति की रक्षा के लिए हम अपने प्राणों की आहुति भी देने को तैयार हैं।

Understand the sadness of everyone, Mamta Ji

तुष्टिकरण छोड़ सबकी पीड़ा समझें ममता जी

संवेदनहीन एवं भद्दी रीति-नीति है, बंगाल के शासन-प्रशासन की जिस पर अनेक बार अनेक स्तरों पर प्रश्न उठते रहे हैं।

विडम्बना है कि अनेक प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं के बावजूद रोम के असंवेदनशील शासक नीरो की तर्ज पर, बंगाल की ममता सरकार अपनी ही धुन पर मदमस्त, आमजन की पीड़ा से बेखबर है। वह अपने स्वार्थ में डूबी, संवेदनहीन बनी हुई हैं।
वरना क्या कारण है कि (इंडिया टुडे की रिपोर्ट अनुसार) अलुबेरिया के तेहत्ता के हाई स्कूल में कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम समूह, अपने वर्ग के छात्रों को साथ लेकर जबरन घुस गए। वहीं पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म-दिवस के रूप में नबी दिवस मनाने का नाटक किया। इसके लिए सक्षम अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली गई।

नगर के हिन्दुओं को बसंत पंचमी पर तेहत्ता हाई स्कूल में सरस्वती पूजा के लिए जब अनुमति दी गई तब मुस्लिम कट्टरपंथियों ने धमकी दी थी कि, 13 दिसम्बर 2016 के दिन स्कूल परिसर में जबरन विश्व नबी दिवस मनाएंगे। इतना ही नहीं वे नारेबाज़ी के साथ गुंडागर्दी भी करने लगे।

स्कूल अधिकारियों ने इन लोगों से होने वाले ख़तरों संबंधी चेतावनी देते हुए 16, दिसम्बर 2016 और 27 जनवरी 2017 को दो पत्र भी लिखे। इनकी कॉपी बी.डी.ओ, एस.डी.ओ, एस.डी.ओ.पी को भेजी गई। इसके बाद 29 जनवरी 2017 के डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ़ स्कूल सेकंडरी एज्युकेशन, हावड़ा के आदेश से तेहत्ता स्कूल अगले आदेश तक बंद किया गया है।

अब इस सम्पूर्ण मामले में दो प्रश्न ज़हन में उभर रहे हैं:-

कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम सांप्रदायिक-सौहार्द्र दूषित करने को हरदम आमादा रहते हैं, क्यों? (स्पष्ट कर दूँ कि आम मुस्लिम इस प्रश्न का हिस्सा नहीं है)

ज्यादा महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि बंगाल की ममता बनर्जी सरकार असंवेदनशील, पक्षपाती होकर बंगाल का परिवेश आमजन के लिए क्यों अशांत एवं पीड़ादायक बना रही हैं?…..
शायद ये इनकी आदत में ही है।

ज्यादा भयावह असलियत यह है कि बंगाल में ऐसी घटनाएँ पहली बार नहीं हो रही हैं।

विगत अरसे में घटी कुछ ह्रदय विदारक घटनाएं भी यहाँ अवश्य ही चिंतन योग्य हैं:- 
11 अक्टूबर 2016 को हावड़ा जिले के अर्गोरी गाँव में दुर्गा-पूजा पंडाल में कुछ मुस्लिमों ने व्यवधान डाला। रैपिड एक्शन फ़ोर्स तैनात करना पड़ा, अन्य कई जगह से हत्या आदि के भी समाचार थे।
अक्टूबर 12 को, खड़गपुर गोल-बाजार में और मुर्शिदाबाद में हिन्दुओं की दुकानें लूटी गई।
अक्टूबर 13 को, नहाती उत्तर 24 परगना में, 100 हिन्दू घर और दुकानें लूटी व तोड़ी फोड़ी गई। वीडियो सोशल मीडिया पर देखे गए।
गत विजयादशमी के दिन माताजी की प्रतिमा न विसर्जित करने का सरकारी आदेश दिया गया। कुछ लोग कोर्ट गए, कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस ने विजयादशमी को 8:30 बजे शाम तक और फिर एक दिन बाद से मूर्ति विसर्जन की अनुमति दी।

ज्यादा आँखें खोलने वाला था मा.जस्टिस का यह कथन :- बंगाल सरकार का आचरण अनुत्तरदायी होकर एक वर्ग के तुष्टिकरण वाला है, और अन्य वर्ग हेतु, माँ दुर्गा की पूजा करने के मौलिक अधिकार को रोकने वाला है। मा .जस्टिस का कथन अक्षरशः सत्य था. ममता जी की असलियत समझने के लिए यह कथन प्रासंगिक है। और इस पर ज़रूर मनन करें। इस हेतु मैं यहाँ कुछ प्रश्न छोड़ना जरूरी समझता हूँ।

इनका जायजा लेवें:-

क्यों ममता जी ने अपना गत चुनाव अभियान मालदा से शुरू किया जो उपद्रव के लिए कुख्यात रहा है, और कुछ समय पहले ही वहां पुलिस गाड़ियाँ ,पुलिस स्टेशन जलाए गए थे।
क्यों उनके भतीजे जनसभा में कट्टरपंथियों के सामने कलमा पढ़ते हैं?

क्यों तेहत्ता के स्कूल में सरस्वती पूजा में व्यवधान करने वालों को जबरन वहां नबी दिवस मानाने दिया गया?

क्यों मुख्यमंत्री, इस घटना का विद्यार्थियों पर दुष्प्रभाव व व्यापक मीडिया के चलते देश में गलत संकेत जाने और तदनुसार इसके प्रभाव को नहीं समझ रही?