जयहिन्द।
देश को हमारी सेना और सरकार ने सफल “सर्जिकल ऑपरेशन” से गर्व करने का जो अनुपम अवसर दिया है, उसके जोश की स्वाभाविक प्रतिक्रिया-स्वरूप ब्लाॅग की शुरूआत, जयहिन्द से।
हमारी सेना के जांबाज़ो ने LOC के पार जाकर सात आंतकी कैम्प व लगभग 40 आंतकियों का सफाया कर दिया। उसके बाद सुखद रूप से सभी जांबांज सुरक्षित अपने कैम्पों में लौट भी आये। संपूर्ण देश की दिली भावनाओं का ऐसा अप्रतिम प्रत्युत्तर देकर हमारी सेना व सरकार ने हमें उत्साह, आत्मविश्वास और स्वाभिमान से ओत-प्रोत कर, आनंद के बुलंद शिखर पर चढ़ा दिया।
पाकिस्तानी आंतकी करतूतों को लेकर जब हमारा धैर्य जवाब दे रहा था, तब ब्लाॅग के जरिए मैंने आग्रह किया था कि हम सरकार के शब्दों पर विश्वास रखें। सेना के इस कथन का सम्मान करे कि “एक्शन लेंगे, समय व स्थान हम तय करेंगे”।
पड़ोसी देशों से सुमधुर संबंध बनाने के प्रयासों का ही सुपरिणाम है कि, हाल ही के सार्क सम्मेलन का बहिष्कार कर, सभी प्रमुख सदस्य देशों ने भारत का पक्ष मजबूत किया। कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि प्रधानमंत्री जी का विजन स्पष्ट और संकल्प दृढ़ हैं। इसी का नतीजा है “सफल सर्जिकल आॅपरेशन”।
विशेष बात यह है कि कैसा माहौल बना कर इसे अंजाम दिया गया? जब विश्व के प्रमुख देश (अमेरिका, ब्रिटेन आदि) भी मानसिक रूप से तैयार हो गये कि भारत का सब्र यदि अब टूटता है, तो यह स्वाभावविक है। भारत कोई एक्शन लेता है, तो यह न्यायसंगत है।
भारत हमेशा से शांति का समर्थक रहा है। हमारे प्रधानमंत्री जी ने इसी भाव को घनीभूत करते हुए हमारी विश्वसनीयता को बढ़ाया है। यही कारण है कि आज विश्व का मीड़िया व प्रमुख देशों की सरकारें हमें जिम्मेदार परमाणु संपन्न राष्ट्र के रूप में स्वीकारते हैं।
महाभारत (कौरव पाण्डवों) का युद्ध टालने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने भी शन्ति के प्रयास जारी रखे थे। पर दुर्योधन झूठी ताकत व अभिमान से अंधा बना रहा। पिता धृतराष्ट्र भी मोहांध, विवकेशून्य रहे। श्रीकृष्ण के प्रस्ताव की महत्ता न समझकर, उसे नकार दिया। पाकिस्तान भी दुर्योधन मन वाला है। अपने अहम् के मद में अंधा, सच्चाई से विमुख, एटम बम का नशा, बेहोशी में विवेकहीन, उचित अनुचित के निर्णय में अक्षम। ऐसे नशे में पकिस्तान ने पठानकोट, उरी जैसी आंतकी घटनाओं को अंजाम दिया। और अब भी हमें लगातार खरोंच और घाव देने से बाज नहीं आ रहा। यह आपरेशन भी मात्र संकेत भर है कि अब पाक की बंदराना हरकतें कतई बर्दाश्त नहीं होंगी। शेर का धैर्य अब जवाब दे चुका है। अब ईंट का जवाब पत्थर से मिलेगा।
हमारे प्रधानमंत्री जी के विवेक, दूरदृष्टि, स्थितियों-परिणामों के पूर्व आंकलन की अद्भूत क्षमता की भूमिका को हम अब समझते जा रहे हैं। आज संपूर्ण देश एकजूट होकर, हर स्थिति के मुकाबले को तत्पर है। यह अत्यंत सौभाग्य व संतोष की बात है कि पाकिस्तान की हर चाल का जवाब हम देश वासियों के तरकाश में मौजूद है।