राजनैतिक स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक गुलामी
पिछले 10 वर्षों में देश ने जो कुछ भी जिया है उसे देखते हुए मुझे बड़े अफ़सोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि “आज देश में सिर्फ राजनेताओं की स्वतंत्रता कायम है जिसके चलते वे लगातार मनमानी कर रहे हैं. यूपीए सरकार ने कहीं न कहीं लोकतंत्र में जनता को ही नीतियों का गुलाम बना दिया है.”
बढती महंगाई, रूपये का अवमूल्यन, गरीबी रेखा का स्तर गिराना, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना और लोकपाल बिल के नाम पर एक घटिया दर्जे का परचा जारी करना जैसी यूपीए सरकार की सभी हरकतों ने लगातार देशवासियों को न सिर्फ गुलाम की ज़िदगी जीने पर मजबूर किया है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को एक मज़ाक बनाकर रख दिया है. आज तक कभी किसी देश के प्रधानमंत्री की खुले आम किसी पत्रिका या अखबार में विश्व स्तर पर निंदा नहीं हुई होगी परन्तु माननीय प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह जी के कारण भारत को इस शर्मनाक परिस्थिति का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं बल्कि इन १० वर्षों की समयावधि में नागरिकों को कई बार अपने हक़ के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा. यहाँ तक कि आज़ादी के बाद पहली बार देश में प्रत्येक जन की आँखों में भारत सरकार के खिलाफ क्रान्ति और आक्रोश देखा.
देश में आज़ादी के बाद कई बार आतंकवादी हमले हुए और पाकिस्तान हमेशा से कश्मीर को हथियाने की कोशिश में लगा रहा परन्तु देश और सेना ने हमेशा मुह तोड़ जवाब देने की कोशिश की लेकिन अब यूपीए सरकार के ढीले रवैये ने चीन को भी घुसपैठ करने की हिम्मत दे दी. कई महीनों से चीन के सैनिक भारतीय सीमा में डेरा डाले हैं और यूपीए सरकार उनके खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठा रही है ऐसे में देश की आजादी को खतरा साफ़ दिखाई दे रहा है. आंतरिक राजनीति और कुर्सी संभालने की कोशिश में जुटी यूपीए सरकार चीनी घुसपैठ को पूरी तरह से अनदेखा कर रही है. मुझे इन हालातों में देशवासियों के साथ-साथ दश की आजादी भी असुरक्षित दिखाई दे रही है.
आज स्वतंत्रता दिवस के दिन मैं भगवान से राजनैतिक लगाम और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता की कामना करता हूँ. इन परिस्थितियों में अब सिर्फ 2014 के चुनाव ही रौशनी की किरण के रूप में दिखाई दे रहे हैं. भगवान प्रत्येक देशवासी को सही चुनाव करने में मदद करें!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!