आज रिलायंस की प्रगति पूरे देश को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए तैयार है…
रिलायंस जब रीटेल सेक्टर में आया था तब सभी ने काफी विरोध किया था. छोटे व्यापारियों और किराने व सब्ज़ी वालों का इसमें बहुत बड़ा नुक्सान था. उनके लिए रिलायंस का यह कदम पूरी तरह से हिला देने वाला था और इसलिए उनका विरोध करना बिलकुल उचित था पर आज नज़ारा कुछ और है. रिलायंस के आने से उन व्यापारियों पर कितना असर पड़ा यह बता पाना तो मुश्किल है किन्तु आज रिलायंस के आंकड़े देश के युवाओं और रोज़गार के अवसरों के लिए सकारात्मक दिखाई दे रहे हैं.
मात्र पांच सालों में रिलायंस रीटेल ने 1300 स्टोर्स और 50,000 रोज़गार उपलब्ध करवाए जो कि वाकई सराहनीय है. इन आंकड़ों को देखकर उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दे रही है और आने वाले ३-४ सालों में कंपनी 40,000-50,000 का सेल टार्गेट कर रही है. इतना ही नहीं रिलायंस मार्केट्स के माध्यम से यह समूह किराना स्टोर्स और छोटे व्यापारियों को भी कम कीमत में उत्पाद उपलब्ध करने की पहल कर रहा है ताकि सबकी सामूहिक प्रगति हो सके.
यदि हम गहन चिंतन करें तो यह समझ सकेंगे कि भारत को विश्वशक्तियों के सम कक्ष लाने में मुकेश अम्बानी, आनंद महिंद्रा, रतन टाटा, नारायण मूर्ति, अज़ीम प्रेमजी, अनिल अम्बानी, सचिन बंसल, आदित्य बिरला, सबीर भाटिया जैसी महान शक्सियतों की अहम भूमिका है. मगर मैं आपका ध्यान इस बात पर ले जाना चाहता हूँ कि इन महान हस्तियों के साथ ही देश के हर छोटे-बड़े व्यापारी, किसान, कर्मचारी, गृहिणी और आप सभी का अपने-अपने स्तर पर ईमानदारी से अथक प्रयास करना, देश के लिए कुछ करने का जज्बा और परिवार व समाज की प्रगति के लिए समर्पण, देश को इस स्तर पर लेकर आया है. मैं यह मानता हूँ कि हम एक दिन अवश्य विश्वशक्ति बनेंगे.
क्या आपका भी यही मानना है ??