“हर चीज़ के फायदे और नुक्सान होते हैं, यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस पहलु को स्वयं पर हावी होने देते हैं.” मैं आज तक यही सोचता आया था लेकिन आज एक गाँव से गुज़रते वक़्त कुछ बच्चों को सड़क पर खेलते देख मुझे एकाएक शहरों की खाली गलियों का नज़ारा याद आया. शहरों की आधुनिक जीवनशैली ने कहीं न कहीं बच्चों से उनका बचपन छीन लिया है. आज बच्चे गलियों में नहीं बल्कि मोबाइल और कंप्यूटर पर गेम खेलते दिखाई देते हैं. भाग-दौड़ वाले खेल जैसे अब कहीं लुप्त होते जा रहे हैं. कुछ खेल जो बच्चे खेलते…