शुभ मुहूर्त, फलदायी नक्षत्र, मंगलकारी दिवस अक्षय तृतीया !!
आज का दिन भारतीय संस्कृति में अत्यंत शुभ माना गया है. वैसे तो हर दिन शुभ-अशुभ अपने कर्मों से होता है पर हमारी संस्कृति ने हमें हिन्दू पंचांग के रूप में एक ऐसी अनूठी सौगात दी है कि साल भर विभिन्न त्यौहारों के माध्यम से हमारी पूरी ज़िन्दगी उत्सव बन चुकी है. त्यौहार जो भी हो धर्म और जाती से परे प्रत्येक भारतवासी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उसके जश्न में शामिल हो ही जाता है. ‘अनेकता में एकता’ की डोर को मज़बूती से बांधे रखने में इन त्यौहारों की भी अहम भूमिका है.
अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म के अनुसार सौभाग्य और सफलता का प्रतीक है. आज के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी ने धरती पर जन्म लिया था और गंगा नदी भी स्वर्ग से धरती पर उतरी थी. ‘अक्षय’ का अर्थ है अनंत, कभी न मिटने वाला और इसलिए आज के दिन सभी मंगल कार्य बिना मुहूर्त के किए जाते हैं क्यूंकि आज के दिन का हर पल मंगलमय माना गया है. ‘महाभारत’ जैसे पवित्र ग्रन्थ की लेखन क्रिया भी आज ही के दिन भगवान श्री गणेश द्वारा प्रारंभ की गयी थी.
जैन धर्म के अनुसार आज आखा तीज के दिन इस काल के प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देव ने एक साल के बाद गन्ने का रस पीकर उपवास खोला था. इस दिन को सभी जैन श्रावक भी पावन उत्सव के रूप में मनाते हैं. इस दिन को सभी प्रकार के दान के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है.
मैं यह मानता हूँ कि आज के दिन की तरह हमें हर दिन नयी शुरूआत करना चाहिए और पूरे दिल से दिन को शुभ मानकर प्रत्येक कार्य करना चाहिए. आशा है आज का दिन आप सभी के लिए वाकई मंगलकारी हो और आप सभी के जीवन में ‘अक्षय सुख’ का आगाज़ हो! अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएँ!