सूराज में बदलेगा स्वराज
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सफल भारत के निर्माण का एक ही मंत्र दिया, एकता, जाति और धर्मं के नाम पर बंटा समाज, कभी उचाईयों को नहीं छु सकता। प्रगतिशील भारत, उन्नत तभी बन पाएगा जब पूरा देश एक होकर राष्ट्र उत्थान के लिए काम करे। सारे भेद-भाव मिटाकर राष्ट्र हित के बारे में सोचे।
केंद्र की मोदी सरकार देश के अंतिम नागरिक तक के लिए काम कर रही है, जो सूराज का मूल मंत्र हैं। देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकी ताकतें देश को तोड़ने में लगी हैं, और यही वजह है जिन नौजवानों के हाथ देश की रक्षा के लिए उठने चाहिए, वही नौजवान देश विरोधी ताकतों के बहकावे में आकर उन्हीं हाथों से देश के रक्षकों पर पत्थर फेंक रहे हैं।
जब तक देश का हर नौजवान देश की उन्नति में भागिदार नहीं बनेगा, स्वराज का सूराज में बदलना असंभव है।
स्वामी विवेकानंद ने कहा है- “अगर किसी देश को ख़त्म करना हो तो वहां बम बरसाने की ज़रूरत नहीं है, वहां की युवा पीड़ी को बिगाड़ दो, वह देश अपने आप समाप्त हो जाएगा”; और यही बाहरी ताकतें हमारे देश में करने की कोशिश कर रही है।
प्रधानमंत्री का संबोधन चेतावनी है, उन लोगों के लिए जो आतंक फैला कर देश को बाँटने में लगे हैं। “भारत देश” आतंक के सामने न कभी झुका था, न कभी झुकेगा। बलुचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों को धन्यवाद कर, प्रधानमंत्री ने यह भी दिखा दिया, कि भारत आज भी “सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाय” की पद्धति पर चलने वाला देश है।
असंख्य जाति, भाषा और धर्म से सुसज्जित धरा पर, मानव धर्म में विश्वास रखने वाले देश के प्रधान-सेवक ने सभी देशों से आपस में ना लड़कर, आतंक और हिंसा के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री जी का यह ऐतिहासिक भाषण हर देशवासी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। जो हर देशवासी को देश हित में काम करने के लिए प्रोत्साहित करने वाला है।