Kailash Vijayvargiya blogs West Bengal: Wounds in the Chest of Democracy - PM Modi's Concern-Kailash Vijayvargiya
kailash vijayvargiya kailash vijayvargiya
Nadda ji

West Bengal: Wounds in the Chest of Democracy, Worried, PM Narendra Modi

पश्चिम बंगाल- लोकतंत्र के सीने में घाव ,चिंतनीय।PM नरेंद्र मोदी

दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा, आगजनी, बमधमाके, लूटमार, सरकारी तंत्र की मनमानी आदि को लेकर चिंता जताई है। पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के मतदान के दिन ही 19 लोगों की मौत हुई। उसके अगले दिन हुई हिंसा में पांच और लोग मारे गए। मतदान के दिन ऐसा कोई इलाका नहीं था जहां हिंसा न हुई हो। खूनी चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री ने यह अपील भी की है कि लोकतंत्र के सीने पर घाव देने वाले विषय पर सभी राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और न्यायपालिका को ध्यान देना होगा। उन्होंने नामांकन से लेकर मतदान तक की प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई और कहा कि पंचायत चुनाव में लोकतंत्र की हत्या की गई है। बंगाल की पिछली शताब्दी को देखें जिसने  देश को मार्गदर्शन देने का काम किया है। ऐसी महान भूमि को राजनीतिक स्वार्थ के लिए लहुलूहान कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए पश्चिम बंगाल की जनता का दुख सबके सामने रखा है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की गुंडागर्दी, मनमानी और विपक्षी दलों पर अत्याचारों को लेकर सभी राजनीतिक दल आक्रोश जता रहे हैं। रोजाना जगह-जगह विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। मतदान के बाद भी भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले हो रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता, प्रशासन और पुलिस हत्या, आगजनी, बम धमाके आदि की घटनाओं को मामूली बता रहे हैं।

दुनियाभर में भारत के लोकतंत्र के उदाहरण दिए जाते हैं, लेकिन यहां हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव और पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में धनबल के बढ़ते इस्तेमाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान सवा सौ करोड़ की नगदी बरामद की गई। साथ ही 24.43 लाख रुपये की 5 लाख 26 हजार 766 लीटर शराब जब्त की गई है। इसके अलावा व्हिस्की की 8640 बोतलें भी जब्त की गई हैं। चुनाव आयोग के अनुसार चार करोड़ से ज्यादा का सोना भी पकड़ा गया।14 करोड़ 91 लाख 62 हजार 715 रुपये कीमत के अन्य सामान भी बरामद किए गए हैं। 219 वाहनों को जब्त भी किया गया है। कर्नाटक के राजराजेश्वरी नगर विधानसभा क्षेत्र के एक फ्लैट से दस हजार मतदाता पहचान पत्र बरामद होने के बाद चुनाव आयोग ने इस सीट पर मतदान स्थगित कर दिया है। अब इस सीट पर 28 मई को मतदान होगा। आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है इस सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिये तमाम वस्तुयें बांटने और भारी मात्रा में फर्जी मतदाता पहचान पत्रों की बरामदगी जैसी अन्य घटनाओं की शिकायतें शुरुआती जांच में ठीक पाये जाने के बाद यह फैसला किया है। राजनीतिक दलों के बीच कुर्सी कब्जाने की होड़ के कारण चुनाव में धन का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। मीडिया में आई खबरों के अनुसार इस विधानसभा चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले दोगुना खर्च हुआ है। जाहिर है चुनाव आयोग की सख्ती से सवा सौ करोड़ की नगदी बरामद होने के बावजूद चुनाव में धन का इस्तेमाल हुआ।

प्रधानमंत्री का यह कहना कि कोई चुनाव जीते, कोई हारे लेकिन ‘लोकतंत्र के सीने पर घाव उभारने के विषय पर सभी राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और न्यायपालिका को ध्यान देना होगा, सभी को सोचने पर मजबूर करता है। पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में 34 फीसदी सीटों पर विरोधी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन ही नहीं करने दिया गया। नामांकन न करने देने और अन्य शिकायतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में अपील की गई। हाई कोर्ट को पश्चिम बंगाल के चुनाव आयोग को कहना पड़ा कि निष्पक्षता नहीं बरती जा रही है। मतदान के दौरान हिंसा रोकने के निर्देश देने के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार ने पूरे इंतजाम नहीं किए। यह सब बूथों पर जबरन कब्जा करने के लिए किया गया। बूथों पर कब्जे के दौरान तमाम स्थानों पर पुलिस वाले मूकदर्शक बने रहे।

मतदान के दिन विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं को जिंदा जला दिया गया। कुछ स्थानों पर हिंसा मतदान के दो दिन बाद भी जारी है। तृणमूल कांग्रेस के गुंडों की चेतावनी न मानने वाले लोगों के घरों को जलाया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस का समर्थन न करने वालों को धमकी के कारण दूसरे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने घरों में लौटने से डर रहे है। भाजपा के अलावा माकपा के प्रमुख नेताओं ने भी तृणमूल कांग्रेस की गुंडागर्दी का विरोध किया है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेता ममता बनर्जी सरकार की तानाशाही का विरोध कर रहे हैं पर बड़े नेता चुप क्यों हैं?

अब समय आ गया है कि रक्तरंजित चुनावों को लेकर सभी को सोचना है। क्या कोई शासक दल कुर्सी कब्जाने के लिए निर्दोष लोगों की जान लेता रहेगा ? तृणमूल कांग्रेस का समर्थन न करने वाले लोगों को घऱों में रहना दूभर हो गया है। उनके कारोबार को बंद कराया जा रहा है। घरों को जलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल में लहूलुहान लोकतंत्र की तरफ देश का ध्यान आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री की चिंता को लेकर अब समाज के सभी वर्गों को इस मुद्दे पर सोचना होगा।