भारतीय परम्पराओं में मर्यादाओं का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसका उल्लेख हमारे संविधान निर्माताओं ने अनेक बार अलग.अलग स्थानों पर किया है। इसी बात का उल्लेख महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के समारोह में किया। महामहिम राष्ट्रपति ने न्यायाधीशों को न्यायिक सक्रियता के जोखिमों के प्रति सचेत करते हुए कहा था कि “अधिकारों का उपयोग करते हुए हर समय सामंजस्य स्थापित करना चाहिए और ऐसी स्थिति सामने आने पर आत्मसंयम का परिचय देना चाहिए”। संविधान को सर्वोच्च बताते हुए उनका कहना था कि “लोकतंत्र के हर अंग को अपने दायरे में रहकर काम करना चाहिए…
Central India preserves Forest Area as well!
मध्यप्रदेश वन क्षेत्रफल में सभी प्रदेशों में अग्रण…
हाल ही में RTI द्वारा पूछने पर पर्यावरण और वन मंत्रालय ने वन क्षेत्रफल की जानकारी देते हुए रिपोर्ट (इंडिया स्टेट ऑफ़ फोरेस्ट रिपोर्ट, 2011) जारी की जिसके अनुसार देश में कुल 6, 90, 899 किलोमीटर्स वन क्षेत्रफल है जिसमें से 77, 700 किलोमीटर्स यानी 11.24 प्रतिशत वन क्षेत्रफल मध्यप्रदेश में है. चाहे बात टाईगर्स की हो या हिरण की मध्यप्रदेश वन्य-जीवन को बहुत खूबसूरती से संजोए है.
हम मध्यप्रदेशवासियों के लिए यह वाकई गर्व की बात है और आशा है हम आगे भी अपने पर्यावरण के प्रति सजग रहेंगे और मानव जाती के साथ-साथ वन्य-जीवों को भी सुरक्षित रखेंगे.
Welfare of the Indians should be Prime in every Decision Making
इस बात को भी ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है…
पहले फौरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI)
और बाद में कई प्रकार के अलग-अलग कानून, जो कि थोपे हुए करों के रूप में छोटे-छोटे खुदरा व्यापारियों पर लगाए गए, उनसे कहीं न कहीं ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये जो कानून बनाए जा रहे हैं वो भारतवासियों के बजाय विदेशियों को ध्यान में रख कर बनाए जा रहे हैं और मल्टी-नेशनल कम्पनीस को भारत में नींव मज़बूत करने के लिए केन्द्रीय सरकार द्वारा आधार उपलब्ध करवाया जा रहा है !!
मैं ऐसा मानता हूँ कि भारत में यदि किसी भी प्रकार के कानून बनाए जाएँ तो न सिर्फ ‘अर्थ व्यवस्था’ बल्कि भारत की सेकड़ों वर्षों से स्थापित ‘सामाजिक अर्थ व्यवस्था’ को ध्यान में रखकर बनाए जाना चाहिए क्यूंकि भारत में छोटे-बड़े कई प्रकार के व्यवसायी न्यूनतम से न्यूनतम पूँजी के आधार पर अपना व्यवसाय करते आ रहे हैं और ऐसे में उनके भविष्य के साथ क्या होगा और क्या वे जीवित रह पाएंगे, इस बात को भी ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है…
Election 2014 – Historical Victory
अबकी बार एक तरफा सरकार
आज की तारीख देश के इतिहास में हमेशा के लिए स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाएगी. 2014 में देश के प्रधानमन्त्री को पूरे देश ने एक तरफ़ा भारी मतों से चुना है…और वे और कोई नहीं नरेन्द्र मोदी हैं जिनकी सुनामी देश में इस कदर चली कि हर व्यक्ति के मुंह पर सिर्फ एक नारा था ‘अबकी बार मोदी सरकार’. चाहे सोशल नेटवर्किंग साइट्स हों या मोहल्ले के नुक्कड़ पर चाय वाले की दुकान, नरेन्द्र मोदीजी हर जगह विचार विमर्श का हिस्सा बन चुके थे और उसही के फल स्वरुप उन्हें देश ने अपना पूर्ण समर्थन दिया.
पिछले कई वर्षों से देश में गठबंधन सरकार ही देखने को मिल रही थी परन्तु इस बार जैसे जनता ने पूर्ण अधिकार और देश की कमान एक व्यक्ति के हाथों में थमाने का सोच लिया था. भारतीय जनता पार्टी ने अपने विकास कार्यों से हर प्रदेश में जनता के दिलों में जगह बना ली है और विधानसभा चुनावों में यह साफ़ तौर पर देखने को मिला था. नरेन्द्र मोदी के सुदृढ़ नेतृत्व में अब देश विकास की नयी इबारत लिखने को तैयार है.
इस अविस्मरणीय अवसर पर मैं देश की जनता को लोकतंत्र की इस शानदार जीत पर हार्दिक बधाई देता हूँ और नरेन्द्र मोदीजी को दिल से शुभकामनाएं देता हूँ कि वो देश की अपेक्षाओं पर खरे उतरें!
Strong Will Power
Strong Will Power
सोच को रूप देने के लिए दृढ इच्छाशक्ति अति-आवश्यक है!
Today will be the beginning of the Jan bhagat yatra!
आज से होगा जन आशीर्वाद यात्रा का आगाज़!
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान ने हमेशा जन-साधारण के द्रष्टिकोण को महत्व दिया है और इसलिए वे उनकी समस्याओं को दूर करने में कामयाब हो पाए. अब ‘जन-आशीर्वाद यात्रा’ के माध्यम से एक बार फिर यही कोशिश है कि लोगों से मिलें, अपने वादों को पूरा करने पर लोगों की प्रतिक्रया जानें, उनकी नई समस्याओं को सुनें, उनके सपनों व इच्छाओं को जानें और उनके अनुसार अपना अगला लक्ष्य निर्धारित करें!
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान एवं समस्त बीजेपी टीम हेतु आप सभी की शुभकामनाएं अभिलाषित हैं!
Friendship Day
करें इंसानियत से दोस्ती!
इंसानों से दोस्ती तो हम सभी करते हैं और हमेशा से करते आए हैं लेकिन जीवन की आपा-धापी में कहीं इंसानियत से दोस्ती करना भूल गए हैं. आज फ्रेंडशिप डे के दिन एक बार फिर इंसानियत से दोस्ती करने की कोशिश कीजिये. कृष्ण-सुदामा की दोस्ती का उदहारण सभी देते हैं पर आपने कभी सोचा कि उनकी दोस्ती की ख़ास बात क्या थी…? कृष्ण जी सिर्फ सुदामा के अच्छे दोस्त ही नहीं थे बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे और इसलिए उन्होंने सुदामा को न सिर्फ दोस्त की तरह मदद करने की कोशिश की बल्कि उसके साथ अच्छा व्यवहार करके उसे ख़ास एहसास भी दिया. इंसानियत से दोस्ती हो तभी हम इंसानों से दोस्ती निभा सकते हैं.
इंसानियत से ही निःस्वार्थ भावना का जन्म होता है और किसी अनजाने इंसान को अपना बनाने व उसके सुख-दुःख को अपना समझने की प्रेरणा मिलती है. हर पल ‘इंसानियत’ को अपने ज़हन में सर्वोपरि रखने की आवश्यकता है तभी किसी अनजान इंसान को सच्चे दिल से दोस्त के रूप में अपनाया जा सकता है. आज के ज़माने में फेसबुक, ट्विटर, वाट्स-एप, मोबाइल आदि के माध्यम से दोस्त बनाना और उनसे संपर्क रखना तो बेहद आसान हो गया है लेकिन सम्बन्ध सिर्फ बातों तक ही सीमित हो गए हैं उन्हें व्यवहार में लाने के लिए न किसी के पास समय है और नाही किसी के मन में वो अपनत्व का भाव. परन्तु हम क्यूँ ये भूल जाते हैं कि इस दुनिया से हमें वही मिलता है जो हम इसे देते हैं…
आज वो दिन है जो हमें यह याद दिलाता है कि इंसानियत से दोस्ती ही ‘दोस्ती के रिश्ते’ को सार्थक कर सकती है. कृपया अपने अन्दर की इंसानियत कभी न मरने दें!
फ्रेंडशिप डे की हार्दिक शुभकामनाएं!
Yuva Mahotsav- On the occasion of TCS Bhoomi Pujan
मांग और खपत एक साइक्लिक प्रोसेस है…पिछले कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश सरकार ने लगभग हर शहर में इंजीनियरिंग, मेडिकल व अन्य कॉलेजेस एवं शैक्षणिक संस्थानों तथा प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की शुरुआत कर बहुत समय से जो आवश्यकता थी उसे पूरा किया. इन संस्थानों की स्थापना से पहले मध्यप्रदेश के युवाओं को पढ़ाई के लिए पूना, दिल्ली, बैंगलोर और मुंबई जैसे शहरों में जाकर मोटी फीस भरना पड़ती थी. और इसके साथ ही अपने घर को छोड़कर किसी अन्य शहर में रहने का अतिरिक्त खर्चा भी वहन करना पड़ता था. इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में संस्थानों की स्थापना और विकास का ज़िम्मा उठाया और मध्यप्रदेश के छात्र-छात्राओं को शिक्षा के बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराए.
मगर मध्यप्रदेश के युवाओं को सुनहरा भविष्य देने का उद्देश्य यहीं पूरा नहीं होता. अच्छे रोज़गार के बिना जैसे सारी मेहनत व्यर्थ है. छात्र-छात्राओं को बड़े संस्थानों में नौकरी की चाह में प्रदेश छोड़कर जाना पड़ता था इसलिए मुख्यमंत्री जी ने इस तरह की उद्योग नीतियाँ बनाई जिनसे छोटे-बड़े सभी उद्योग मध्यप्रदेश में आकर्षित हों और युवाओं को मध्यप्रदेश में ही अधिक से अधिक रोज़गार उपलब्ध हो सकें. नीतियों में इस बात का ध्यान रखा गया कि सरकार किसी उद्योग की स्थापना हेतु ज़मीन, बिजली या अन्य संसाधनों में छूट उस अनुसार देगी जिस अनुपात में मध्यप्रदेश के युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा. शिवराज सिंह जी की अपने प्रदेश के युवाओं के लिए इस स्तर की संवेदनशीलता और जागरूकता वास्तव में प्रशंसनीय है. मैं इस बात का साक्ष हूँ कि उन्होंने हर मीटिंग में हर जगह इस बात का उल्लेख किया है कि उद्योग को फायदा तभी दो जब मध्यप्रदेश के युवाओं को उससे फायदा हो…उद्योग छात्र-छात्राओं को जितना फायदा देंगे उतना ही फायदा उन्हें सरकार की ओर से दिया जाए! मध्यप्रदेश के चिंतनशील मुख्यमंत्री जी की यह सोच वाकई प्रशंसनीय है!
आज TCS के भूमि पूजन के साथ इस अनूठी पहल का आगाज़ होने जा रहा है. इंदौर और मध्यप्रदेश के छात्र-छात्राओं के लिए यह बड़ी खबर है कि इंदौर में जल्द ही आईटी हब स्थापित होगा और आईटी के साथ-साथ अन्य क्षेत्र के भी कई छात्रों को इससे नेशनल-मल्टी नेशनल कंपनियों में रोज़गार के अवसर मिलेंगे. अब दूसरे शहरों में जाने की ज़रुरत नहीं. इंदौर आईटी शहर के रूप में जल्द ही जाना जायेगा.
जॉब्स के प्रति निराशा का दौर यहीं समाप्त होता है और एक नए युग की शुरुआत होती है…युवा-महोत्सव में आप सभी आमंत्रित हैं!
Political Freedom, Democratic Slavery
राजनैतिक स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक गुलामी
पिछले 10 वर्षों में देश ने जो कुछ भी जिया है उसे देखते हुए मुझे बड़े अफ़सोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि “आज देश में सिर्फ राजनेताओं की स्वतंत्रता कायम है जिसके चलते वे लगातार मनमानी कर रहे हैं. यूपीए सरकार ने कहीं न कहीं लोकतंत्र में जनता को ही नीतियों का गुलाम बना दिया है.”
बढती महंगाई, रूपये का अवमूल्यन, गरीबी रेखा का स्तर गिराना, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना और लोकपाल बिल के नाम पर एक घटिया दर्जे का परचा जारी करना जैसी यूपीए सरकार की सभी हरकतों ने लगातार देशवासियों को न सिर्फ गुलाम की ज़िदगी जीने पर मजबूर किया है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को एक मज़ाक बनाकर रख दिया है. आज तक कभी किसी देश के प्रधानमंत्री की खुले आम किसी पत्रिका या अखबार में विश्व स्तर पर निंदा नहीं हुई होगी परन्तु माननीय प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह जी के कारण भारत को इस शर्मनाक परिस्थिति का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं बल्कि इन १० वर्षों की समयावधि में नागरिकों को कई बार अपने हक़ के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा. यहाँ तक कि आज़ादी के बाद पहली बार देश में प्रत्येक जन की आँखों में भारत सरकार के खिलाफ क्रान्ति और आक्रोश देखा.
देश में आज़ादी के बाद कई बार आतंकवादी हमले हुए और पाकिस्तान हमेशा से कश्मीर को हथियाने की कोशिश में लगा रहा परन्तु देश और सेना ने हमेशा मुह तोड़ जवाब देने की कोशिश की लेकिन अब यूपीए सरकार के ढीले रवैये ने चीन को भी घुसपैठ करने की हिम्मत दे दी. कई महीनों से चीन के सैनिक भारतीय सीमा में डेरा डाले हैं और यूपीए सरकार उनके खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठा रही है ऐसे में देश की आजादी को खतरा साफ़ दिखाई दे रहा है. आंतरिक राजनीति और कुर्सी संभालने की कोशिश में जुटी यूपीए सरकार चीनी घुसपैठ को पूरी तरह से अनदेखा कर रही है. मुझे इन हालातों में देशवासियों के साथ-साथ दश की आजादी भी असुरक्षित दिखाई दे रही है.
आज स्वतंत्रता दिवस के दिन मैं भगवान से राजनैतिक लगाम और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता की कामना करता हूँ. इन परिस्थितियों में अब सिर्फ 2014 के चुनाव ही रौशनी की किरण के रूप में दिखाई दे रहे हैं. भगवान प्रत्येक देशवासी को सही चुनाव करने में मदद करें!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
Extremely Overwhelmed with the Warmth and Love bestowed upon Us; Feeling Fortunate.
आप सभी की मेहमान-नवाज़ी का सौभाग्य प्राप्त कर मन को परम आनंद की अनुभूति हुई…
परमात्मा की असीम कृपा से आकाश तथा सोनम की गोद में भगवती स्वरूपा पुत्री के आगमन पर हमारी माताजी ‘अयोध्या देवी’ को स्वर्ण सीढ़ी का सौभाग्य प्राप्त हुआ है !!